बैठक में उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि शेखावाटी की हवेलियों के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए यदि भवन उपनियमों (बायलॉज) में परिवर्तन आवश्यक हो, तो उस दिशा में भी पहल की जाए। उन्होंने इस अभियान को समग्र, समयबद्ध और संरचनात्मक दृष्टिकोण से संचालित करने की आवश्यकता जताई।
दिया कुमारी ने बताया कि झुंझुनू जिले में 267, सीकर जिले में 268 और चूरू जिले में 113 हवेलियों की पहचान की गई है। उन्होंने निर्देश दिया कि इन सभी हवेलियों का एक विस्तृत और प्रामाणिक दस्तावेज तैयार किया जाए, जिसमें प्रत्येक हवेली के वास्तविक स्वामित्व की जानकारी, वर्तमान भौतिक स्थिति, और स्पष्ट फोटोग्राफ्स सम्मिलित हों।
उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि संबंधित जिलों के कलेक्टर्स इस दस्तावेज को अंतिम रूप दें और यह सुनिश्चित करें कि किसी भी हवेली पर अतिक्रमण न हो। साथ ही, तीनों जिलों में कलेक्टर सतर्क रहकर निगरानी रखें ताकि इन सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा की जा सके।
यह पहल न केवल राजस्थान की स्थापत्य कला को संरक्षित करेगी, बल्कि शेखावाटी को वैश्विक धरोहर पर्यटन मानचित्र पर और अधिक प्रमुखता दिलाएगी।