सूत्रों के अनुसार, मूल वेतन के साथ-साथ विभिन्न भत्तों में भी बढ़ोतरी की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, पूर्व विधायकों की पेंशन में भी वृद्धि प्रस्तावित है, हालांकि इसका प्रतिशत अभी तय नहीं हुआ है।
अभी कितनी है विधायकों की सैलरी?
बताते चलें कि वर्तमान में राजस्थान के विधायकों को मूल वेतन के रूप में 40,000 रुपये प्रतिमाह मिलते हैं। इसके साथ ही उन्हें निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (70,000 रुपये), सहायक कर्मचारी भत्ता (30,000 रुपये), टेलीफोन भत्ता (2,500 रुपये), विधानसभा सत्र या समिति बैठकों में उपस्थिति के लिए दैनिक भत्ता (2,000 रुपये), और राज्य के बाहर बैठकों के लिए भत्ता (2,500 रुपये) प्राप्त होता है। इन सभी को मिलाकर एक विधायक को प्रतिमाह लगभग 1,47,000 रुपये मिलते हैं। प्रस्तावित 10% वृद्धि के बाद मूल वेतन 44,000 रुपये हो जाएगा और कुल मासिक आय 1,51,000 रुपये से अधिक हो सकती है। इस बढ़ोतरी से प्रत्येक विधायक को सालाना 48,000 रुपये अतिरिक्त प्राप्त होंगे।
संसदीय कार्यमंत्री ने दी ये जानकारी
संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि विधायकों की सैलरी में 10 प्रतिशत वृद्धि से संबंधित कानून विधानसभा में पारित हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस कानून को लागू करना विभाग की जिम्मेदारी है, और संभावना है कि जुलाई 2025 से विधायकों को यह बढ़ोतरी मिलने लगेगी। कैबिनेट सचिवालय के अधिकारियों के अनुसार, मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्रियों के वेतन में किसी भी प्रकार की वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह निर्णय केवल विधायकों और पूर्व विधायकों के लिए लागू होगा। गौरतलब है कि विधायकों की सैलरी बढ़ोतरी का का प्रस्ताव जहां एक ओर उनके बढ़ते खर्चों और जिम्मेदारियों को ध्यान में रखकर लाया गया है।
पूर्व विधायकों की पेंशन में भी इजाफा
वहीं, ये भी जानकारी है कि सैलरी बढ़ोतरी के साथ-साथ पूर्व विधायकों की पेंशन में भी बढ़ोतरी की योजना है। वर्तमान में, एक बार विधायक रहने वाले पूर्व विधायक को 35,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है। पांच साल के बाद, प्रत्येक अतिरिक्त वर्ष के लिए 1,600 रुपये प्रति माह जोड़े जाते हैं। उदाहरण के लिए, 10 साल तक विधायक रहे व्यक्ति को 35,000 रुपये (पहले पांच साल के लिए) और बाकी पांच साल के लिए 1,600 रुपये प्रति वर्ष के हिसाब से अतिरिक्त राशि मिलती है। इस तरह, दो बार विधायक रहने पर 43,000 रुपये, तीन बार पर 51,000 रुपये, चार बार पर 59,000 रुपये, पांच बार पर 67,000 रुपये, और छह बार विधायक रहने पर 75,000 रुपये मासिक पेंशन मिलती है। पांच साल के बाद प्रत्येक अतिरिक्त टर्म के लिए 8,000 रुपये की वृद्धि होती है। प्रस्तावित वृद्धि के बाद पेंशन में कितना इजाफा होगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
एक साल पहले हुई थी घोषणा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 29 जुलाई 2024 को विधानसभा में घोषणा की थी कि विधायकों की सैलरी और पूर्व विधायकों की पेंशन में हर साल स्वत: वृद्धि होगी, जिसके लिए बार-बार विधानसभा में बिल पास करने की आवश्यकता नहीं होगी। इस घोषणा को अब लगभग एक साल पूरा हो चुका है। सूत्रों के अनुसार, 15 अगस्त 2025 से पहले शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में इस प्रस्ताव को लागू किया जा सकता है।