अवैध रेहड़ी-पटरी दुकानदारों पर कार्रवाई होगी। ( फाइल फोटो )।
JMC-H Ultimatum: जयपुर नगर निगम-हेरिटेज ने सड़क किनारे दुकान लगाने वाले अवैध विक्रेताओं को 10 दिन का अल्टीमेटम दिया है। निगम ने कहा कि 10 दिन के अंदर दुकानें नहीं हटती हैं तो अब ठोस कार्रवाई होगी। सड़क पर अवैध अतिक्रमण से लगातार जाम लग रहा है।
दरअसल, जयपुर के हेरिटेज क्षेत्र में स्ट्रीट वेंडर्स की संख्या अधिकृत सीमा से कई गुना ज्यादा हो गई है, ऐसे में सड़कों पर चलने में मुश्किल हो रही है। अब जयपुर नगर निगम-हेरिटेज (JMC-H) ने अवैध स्ट्रीट वेंडर्स के खिलाफ एक्शन लेने का मन बना लिया है। ऐसे में इन अवैध दुकानदारों को 10 का शख्त अल्टीमेटम दिया है।
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बैठक में लिया गया निर्णय
शुक्रवार को जेएमसी-एच में आयोजित फुटपाथ विक्रेता पुनर्वास समिति की बैठक के दौरान इस मसले पर चर्चा हुई। समिति के अध्यक्ष रवि प्रकाश सैनी की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति के सभी सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में अवैध वेंडिंग जोन और सार्वजनिक स्थानों को जाम में डालने वाले अवैध फेरीवालों के बढ़ते मुद्दे पर चर्चा की गई।
9600 दुकानदारों को मिला है लाइसेंस
बैठक में वेंडिंग जोन की स्थापना, अनधिकृत डेयरी बूथों के खिलाफ कार्रवाई और व्यवस्थित तरीके से स्ट्रीट वेंडर्स को संगठित करने से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा की गई और उन्हें पारित किया गया। सैनी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जेएमसी-एच ने लगभग 9,600 लाइसेंस प्राप्त विक्रेताओं की क्षमता वाले 31 आधिकारिक वेंडिंग जोन विकसित किए हैं, लेकिन जमीनी हकीकत एक गंभीर तस्वीर पेश करती है।
40 फीट चौड़ी सिकुड़कर महज 6 फीट की
सैनी ने बताया कि, “प्रत्येक लाइसेंसधारी विक्रेता के आसपास 3 से 4 गैर-लाइसेंसधारी फेरीवाले हैं, जिससे कुल संख्या 30,000 के करीब पहुंच गई है।” इस अनियंत्रित विस्तार ने सार्वजनिक सड़कों को बहुत पतला कर दिया है। सैनी ने कहा, “जो सड़कें मूल रूप से 40 फीट चौड़ी थी, वे सिकुड़कर केवल 6 से 7 फीट रह गई हैं, जिससे यातायात जाम हो रहा है और लोगों को बड़ी असुविधा हो रही है।”