CG News: माहेश्वरी भवन तक भव्य शोभायात्रा निकाली
सुबह माहेश्वरी भवन में महेश ध्वज फहराने के साथ कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति मानी जाती है, और यह वर्ष समाज के लिए 5158वां वंशोत्पत्ति वर्ष है। इस विशेष अवसर पर प्रात: 8 बजे रुद्राभिषेक तथा पूरे प्रदेश के समाज भवनों में एक साथ महेश ध्वज फहराने की परंपरा का पालन किया गया। देर शाम हनुमान मंदिर से माहेश्वरी भवन तक भव्य
शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें भगवान महेश की आकर्षक झांकी के साथ महाकाल अघोरी स्वरूप ने श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आकर्षित किया। यात्रा में शामिल धार्मिक-सांस्कृतिक झांकियों, नृत्य, भजन-गायन और पुष्पवर्षा ने पूरे माहौल को भक्तिमय बना दिया।
महेश नवमी पर कलात्मक प्रदर्शन
ध्वजारोहण से गौसेवा तक: जगदलपुर में माहेश्वरी समाज का आयोजन बना प्रेरणा का केंद्र महाकाल अघोरी झांकी बना मुख्य आकर्षण माहेश्वरी समाज की महेश नवमी पर भव्य प्रस्तुति, श्रद्धा, समान और सेवा का मिला संगम समान और सेवा के विविध आयोजन
मंचीय कार्यक्रम में सांसद महेश कश्यप, महापौर संजय पांडे, पूर्व विधायक संतोष बाफना, चैंबर अध्यक्ष श्याम सोमानी समेत समाज के कई प्रमुख पदाधिकारी शामिल हुए। अतिथियों ने समाज के व्यापार, संस्कृति और सामाजिक सेवा में योगदान की सराहना की।
इस अवसर पर समाज के उत्कृष्ट व्यक्तित्वों को ‘समाज श्री’, ‘समाज शिरोमणि’ और ‘युवा रत्न’ समान प्रदान किए गए। साथ ही मेधावी छात्रों को भी मंच पर समानित किया गया। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाटापारा के रामरतन मूंधड़ा, अभनपुर की लक्ष्मीदेवी राठी एवं धमतरी के प्रतीक भट्टड़ का समाज द्वारा अभिनंदन किया गया।
संयोजकों का कुशल संचालन
कार्यक्रम को सफल बनाने में समाज अध्यक्ष चंद्रेश चांडक, सचिव नथमल पानपालिया, महिला मंडल अध्यक्ष नीतू तापड़िया, युवा संगठन अध्यक्ष राकेश राठी, प्रदेश संगठन मंत्री गजेंद्र चांडक सहित समस्त कार्यकारिणी सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आयोजन संयोजक गोविंद इनाणी एवं प्रवीण गांधी ने संपूर्ण व्यवस्थाओं का सफल संचालन किया। CG News: सेवा और स्वास्थ्य शिविर का आयोजन
समाज के सदस्यों के लिए थायरोकेयर की मदद से फुल बॉडी हेल्थ चेकअप कैंप लगाया गया। वहीं, सामाजिक सेवा की भावना को साकार करते हुए गौशाला में गौसेवा,
वृक्षारोपण, मरीजों को फल वितरण और भिक्षुक भोग जैसे पुण्य कार्य किए गए। छप्पन भोग के आयोजन ने भक्तों की श्रद्धा और उत्साह को और बढ़ाया। देर रात तक उत्सव की धूम बनी रही।