निगम की योजना के तहत बनाए जा रहे स्कूलों में निजी शालाओं की तरह अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। यानी बड़े कैम्पस वाले स्कूल भवनों को पूरी तरह से व्यविस्थत किया जाएगा। स्कूल परिसर की जमीनों पर जहां भी अतिक्रमण हैं, उन्हें हटाया जाएगा।
मल्टी स्टोरी बनेंगे स्कूल भवन
स्कूल भवनों को मल्टी स्टोरी बनाया जाएगा। जिससे की कम जगह में ज्यादा से ज्यादा क्लास रूम, लायब्रेरी, लैब की सुविधाएं सुलभ हो जाएं। कई स्कूल परिसर इतने बड़े हैं कि अभी उनमें उपलब्ध जगह का सही उपयोग ही नहीं हो पा रहा है। ऐसे स्कूल परिसरों में खाली जमीन पर स्कूल के बच्चों के लिए खेल मैदान, उद्यान भी विकसित किए जाएंगे। ये भी पढ़ें:
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-5 स्कूल का संचालन करता है निगम -50 स्कूल का संचालन स्कूल शिक्षा विभाग करता है, पर जमीन निगम की
-10-15 हजार वर्ग फीट से आधा एकड़ तक जमीन में है कई स्कूल परिसर नगर निगम के संचालित 5 स्कूल भवनों समेत वे स्कूल जो निगम के भवनों में संचालित हैं पर स्कूल शिक्षा विभाग के हैं उन्हें भी रीडेंसिफिकेशन योजना के तहत सौ करोड़ से स्मार्ट बनाया जाएगा। नए मल्टी स्टोरी स्मार्ट स्कूल भवन बनेंगे। उपलब्ध जमीनों में बच्चों के लिए खेल मैदान, उद्यान भी तैयार किए जाएंगे। जिससे ये स्कूल किसी भी प्रकार से प्राइवेट स्कूलों से पीछे ना रहें।- जगत बहादुर सिंह अन्नू, महापौर
जमीनों का सीमांकन शुरू
रीडेंसिफिकेशन योजना के तहत निगम प्रशासन कनसल्टेंट की नियुक्ति कर चुका है। अब स्कूल परिसरों की जमीनों का सीमांकन किया जा रहा है। जल्दी ही प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार की जाएगी।
ऐसा होगा रीडेंसिफिकेशन का मॉडल
निगम अपनी प्राइम लोकेशन की बेशकीमती जमीनों को शॉपिंग मॉल, दुकानों से लेकर अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए लीज पर देगा। इससे निगम को बड़ा रेवेन्यू मिलेगा, जिससे स्कूलों को स्मार्ट बनाने से लेकर निगम अपनी अन्य संपत्तियों को संवारने का काम करेगा।