लोकायुक्त ने जानकारी देते हुए बताया कि अंधेरदेव निवासी शिवम चौरसिया का अपने दोस्त से कंगन गिरवी रखने के एवज में रुपए न मिलने का विवाद चल रहा है। मामले की शिकायत करने कुछ दिन पहले शिवम ओमती थाने गया था। वहां पर उसे आरक्षक नीतेश शुक्ला मिला। थाने में उसकी शिकायत लेने से इंकार कर दिया गया और भगा दिया गया। दूसरे दिन वह फिर से थाने पहुंचा तो उसे आरक्षक ने एसआई शिवगोपाल गुप्ता से मिलवाया।
जिसके बाद एसआई गुप्ता और नीतेश ने मामला निपटाने के एवज में शिवम से 25 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। इतना ही नहीं एसआई और आरक्षक ने उसकी बाइक भी थाने में खड़ी करवा ली और कहा कि पैसे देने के बाद बाइक वापस कर दी जाएगी।
थाने के बाहर लोकायुक्त ने पकड़ा
शिवम ने मामले की शिकायत लोकायुक्त को कर दी। पहली किस्त के 5 हजार रुपए लेकर शिवम थाने पहुंच गया। जैसे ही आरक्षक नीतेश ने पैसे लिए मौके पर मौजूद लोकायुक्त की टीम ने नीतेश को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। मामला दर्ज करने के बाद नीतेश को जमानत मुचलके पर रिहा कर दिया गया। मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।