गोपनीय तरीके से लिया एक्शन
बता दें कि कलेक्टर (Collector Action) के निर्देश के बाद सच सामने लाने के लिए कलेक्टर और एसडीएम ने ये पूरी कार्रवाई गोपनीय तरीके से की। अब ये रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
मिला नियम का उल्लंघन
नियमानुसार शराब आबकारी विभाग की ओर से तय की गई निर्धारित कीमतों पर ही बेची जाती है, लेकिन यहां मार्च से ही शराब की कीमतों में इजाफा सामने आया और फिर अप्रैल से शराब के दाम फिर से बढ़ाए जाने की खबर आई। तय मूल्य से ज्यादा कीमत पर शराब बेचना ओवर रेटिंग की श्रेणी में आता है। यहां शराब की छोटी बोतलों में 20 रुपए ज्यादा लिए जा रहे थे, तो वहीं दूसरी बोतलों पर 100 से 150 रुपए अधिक लिए जा रहे थे। उपभोक्ताओं ने इसकी शिकायत आबकारी विभाग में कई बार की, लेकिन इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया गया।
फिर कलेक्टर ने लिया बड़ा एक्शन
आबकारी विभाग की अनसुनी के बाद मामले की शिकायत कई बार जब कलेक्टर तक पहुंची। तब कलेक्टर आगे आए और एक्शन लेते हुए एसडीएम को शराब खरीदने के निर्देश दिए। एसडीएम ने पटवारियों के माध्यम से शहर की 22 दुकानों से शराब खरीदी, जिनमें से 21 दुकानों पर शराब के दाम बढ़ाकर बेचने की शिकायत सही पाई गई।
पटवारियों की 40 से ज्यादा टीमों ने खरीदी शराब, स्केनर से किया पेमेंट
शराब ओवर रेटिंग के इस मामले में सच जानने के लिए पटवारियों की 40 से ज्यादा टीमों ने रांझी, गोरखपुर और आधारताल एरिया की 22 दुकानों से शराब खरीदी और निर्धारित कीमतों से मिलान किया तो, ओवररेटिंग की पूरी कहानी सामने आ गई। यही नहीं पटवारियों को शराब खरीदने के लिए निर्देश दिए गए थे कि वे चाहे जिस दुकान से शराब खरीदें, उसका पेमेंट स्केनर के माध्यम से करें, ताकि इसे बतौर सबूत रखा जा सके। इस पूरे मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना के मुताबिक, उन्हें निर्धारित मूल्यों से अधिक में शराब बेचे जाने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इसकी सच्चाई जानने के लिए एसडीएम के नेतृत्व में पटवारियों के माध्यम से शराब खरीदी गई। ओवररेटिंग की ये रिपोर्ट मिलने के बाद अब आगे की कार्रवाई की जाएगी।