पहले कपनियों ने कहा था अधिक टैक्स वसूला जा रहा
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच ने वर्ष 2024 में जनहित याचिका दायर कर जबलपुर से एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने की मांग की थी। नोटिस जारी होने के बाद विमानन कंपनियों ने जवाब में कहा था कि अधिक टैक्स लिए जाने से वे फ्लाइट संचालन में असमर्थ हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने दलील दी कि जबलपुर में अन्य शहरों की तुलना में कम फ्लाइट हैं। हाल ही में भोपाल के लिए फ्लाइट भी बंद कर दी गई। पूर्व में जबलपुर से मुंबई, पुणे, कोलकाता, बेंगलुरू आदि शहरों के लिए फ्लाइट संचालित होती थी। फ्लाइट के लगातार बंद होने से लोगों को परेशानी हो रही है।
बैठक में नहीं पहुंचे एयरलाइंस कपनी के अधिकारी
मामले पर बुधवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि बैठक के लिए पत्र लिखा, लेकिन कंपनी के अधिकारी नहीं पहुंचे। यह भी बताया गया कि सरकार ने एयरपोर्ट में कुछ सर्विस चार्ज कम भी कर दिए हैं। कोर्ट ने पुन: बैठक करने और रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए। राज्य शासन की ओर से पूर्व में कोर्ट को अवगत कराया गया था कि सरकार ने फरवरी, 2025 में एक योजना बनाई है। इसमें एयरलाइंस कंपनियों को रियायती दरों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। कोर्ट ने उक्त नीति के लिए सरकार की पहल की सराहना करते हुए उस पर अमल करने के निर्देश दिए थे।