ओबीसी वर्ग की सूची 12 में शामिल माझी, मल्लाह, केवट, ढीमर सहित अन्य जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने को लेकर यह याचिका दायर की गई है। रांझी की एक महिला समाजसेवी ने यह याचिका लगाई है जिसमें कई जातियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिए जाने पर सवाल उठाया गया है। हाईकोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए नोटिस जारी किया है।
इससे पहले मध्यप्रदेश में ओबीसी आरक्षण को लेकर ओबीसी एडवोकेट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा भी सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। इसमें मध्यप्रदेश सरकार से 27 प्रतिशत
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27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया
एसोसिएशन ने याचिका में आरोप लगाया कि शीर्ष अदालत की स्पष्ट सलाह के बावजूद राज्य सरकार ने अब तक 27 प्रतिशत आरक्षण लागू करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। याचिका में राज्य के महाधिवक्ता द्वारा दिए गए एक अभिमत को संविधान की भावना के विपरीत बताते हुए कहा है कि एमपी की 51 प्रतिशत से अधिक आबादी को उचित आरक्षण न देकर राज्य सरकार सामाजिक न्याय के सिद्धांतों की अनदेखी कर रही है।