रात में जंजीर, दिन में जबरन मजदूरी
बताया जा रहा है कि रहीम और इब्राहिम नामक दो दबंगों ने युवक को अपने घर में बंदी बनाकर रखा था। दिनभर उससे खेतों में काम करवाया जाता, घर के बुजुर्गों की सेवा कराई जाती और यहां तक कि शौचालय तक साफ कराए जाते थे। रात को उसे जंजीरों से बांध दिया जाता था ताकि वह भाग न सके। दादी की मौत पर भी नहीं जाने दिया
पीड़ित युवक ने बताया कि एक बार उसकी दादी का देहांत हो गया था, लेकिन रहीम और इब्राहिम ने उसे अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं होने दिया। जब भी वह विरोध करता, उसे बेरहमी से पीटा जाता था। धीरे-धीरे उसका अपने परिवार से संपर्क पूरी तरह कट गया।
संगठनों की मदद से हुआ आज़ाद
इस अमानवीय घटना का खुलासा तब हुआ जब युवक के पिता ने बजरंग सेना और केशरिया हिंदू वाहिनी से मदद मांगी। संगठनों के सदस्यों ने हासलपुर गांव जाकर युवक को मुक्त कराया और अजाक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। एसीपी सोनू डाबर ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और जल्द ही दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।