इन्होने दायर की थी याचिका
दरअसल, विजयनगर निवासी सुभाष सिंह तोमर ने याचिका में मांग की थी कि सरकार शस्त्र अधिनियम में परिवर्तन कर तेज धार वाले हथियारों के निर्माण और बिक्री के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया तैयार करे। किसी पर तेज धार वाले कृषि उपकरण और शल्य चिकित्सा उपकरण रखने के लिए एफआइआर दर्ज न हो, जब तक उनका उपयोग किसी अपराध में न हो। याचिका दायर करने वाले तोमर ने खुद कोर्ट में अपना पक्ष रखा। यह भी पढ़े –
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तोमर ने 2022 में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उसने तलवार रखने के लिए लाइसेंस मांगा था, लेकिन जिला प्रशासन ने नहीं दिया। कोर्ट ने ये कहते हुए इनकार कर दिया था कि लाइसेंस नहीं देने पर उसकी अपील कर सकता है। इसमें कोई जनहित नहीं है और वो खुद वादी है।
कोर्ट ने आदेश में लिखा है कि कोर्ट ये समझ नहीं पा रही है कि याचिका के जरिए तेज धार वाले हथियारों के निर्माण और बिक्री को वैध बनाने की बात क्यों कही जा रही है। तेज धार वाले हथियारों के लिए लाइसेंसिंग प्रक्रिया क्यों बनाना चाहते हैं। कोर्ट ने इस बात को लेकर भी नाराजगी जताई कि न्यायालय के फोरम का इस्तेमाल सरकार से इस तरह के कानून बनवाने के लिए किया जा रहा है। कोर्ट ने ये कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उसमें कोई दम नहीं है।