पिछले साल सिर्फ एक छात्र को १ करोड़ रुपए का पैकेज मिला था। मई तक 400 से ज्यादा विद्यार्थियों को जॉब ऑफर हुई। 88% प्लेसमेंट रहा। औसत पैकेज 27 लाख रहा है। दीक्षांत समारोह में विभिन्न पाठ्यक्रमों में 813 विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं। 6 को गोल्ड व 8 को सिल्वर मेडल मिले।
‘प्रोडक्ट मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करें’
13वें दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि एचसीएल के को-फाउंडर पद्मभूषण डॉ. अजय चौधरी ने कहा, अब भारत को सर्विस सेक्टर से आगे प्रोडक्ट डेवलपमेंट की ओर बढ़ना चाहिए। 15-20 साल में भारत ने सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में शानदार काम किया है। अब एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) का दौर है। इससे सर्विस सेक्टर की नौकरियों पर असर पड़ा है।
युवा कोर इंजीनियरिंग की ओर लौटें
उन्होंने आगे कहा कि, युवा कोर इंजीनियरिंग की ओर लौटें। मशीन डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग, इनोवेशन पर फोकस करें। इस मौके पर इसरो के पूर्व अध्यक्ष और आइआइटी इंदौर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन, आइआइएम डायरेक्टर हिमांशु राय और आइआइटी के डायरेक्टर प्रो. सुहास जोशी भी मौजूद थे।