26 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन पर मिलेगा मुआवजा
एनएचएआइ (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) पश्चिमी आउटर रिंग रोड का काम जल्द शुरू करना चाहता है। इसके लिए ठेकेदार कंपनी को प्रस्तावित सड़क की प्रभावित जमीन का कब्जा दिया जाना है। देपालपुर, हातोद और सांवेर के 26 गांवों की 600 हेक्टेयर जमीन आ रही है, जिसके प्रभावित किसानों की सूची तैयार कर अवॉर्ड घोषित कर दिया गया है।
50 प्रतिशत का काम पूरा
अब भू अर्जन अधिकारियों ने भी काम तेज कर दिया है। गांव वार प्रभावित किसानों के खाता नंबर जुटाए जा रहे हैं। 50 फीसदी काम हो चुका है। किसानों को मुआवजा राशि देने के लिए एनएचएआइ की शर्त है कि 30 फीसदी किसानों का खाता नंबर होना जरूरी है। इससे कम पर पैसा जमा नहीं कर सकते हैं। इसलिए देपालपुर, हातोद व सांवेर में प्रशासन की टीम सक्रिय है ताकि जुलाई के पहले सप्ताह में काम हो जाए। ऐसा है पश्चिमी आउटर रिंग रोड
इंदौर में 64 किमी लंबा और 30 मीटर चौड़ा पश्चिमी रिंग रोड बनेगा। यह एनएच-52 में नेट्रेक्स के पास से शुरू होकर शिप्रा नदी के नजदीक खत्म होगा। इसमें इंदौर जिले की देपालपुर तहसील के 5, हालोद के 12 और सांवेर के ० गांव की जमीन अधिग्रहित होगी। सर्वे के बाद गाइड लाइन व संपत्ति को जोड़कर तीनों तहसीलों के एसडीओ ने 750 करोड़ का अवॉर्ड पारित कर दिया है।
इंदौर के लिए अहम
इंदौर के विकास में आउटर रिंग रोड महत्वपूर्ण है। जिस प्रकार राऊ-देवास बायपास बनने के बाद नया इंदौर बसा था, भविष्य के लिए ठीक वैसी ही कल्पना पूर्वी व पश्चिमी आउटर रिंग रोड को लेकर की जा रही है।
नई गाइड लाइन से मुआवजा
पहली बार सरकार ने उन लोकेशनों की भी गाइड लाइन बढ़ाई है, जिनमें सरकार की योजना लागू है। इसमें पश्चिमी आउटर रिंग रोड भी शामिल है। यहां 100 से 200 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। इससे जमीनों की कीमत बढ़ गई है।