शुरू से संदिग्ध रही भूमिका
मस्टरकर्मी से उद्यान विभाग के प्रभारी बने पाटिल की भूमिका शुरू से संदिग्ध रही। वह अधिकांश समय उद्यान विभाग में ही रहा। उस पर शहर में हरियाली बढ़ाने की जिम्मदारी थी, पर पौधों की खरीद में गड़बड़ी की शिकायत मिली। बताते हैं, पाटिल को 20 साल की नौकरी में वेतन से 15-17 लाख मिले, पर ईओडब्ल्यू की जांच में 1.74 करोड़ की संपत्ति मिली।ये भी पढ़ें: कभी चोर गैंग के नाम से बदनाम इन गांवों में आज सिर्फ डॉक्टर, सर्जन और सरकारी अफसर