सिस्टम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से चलता है और इसमें सीएनएन, एलएसटीएम जैसी आधुनिक तकनीकें इस्तेमाल हुई हैं। 12 साल के हर घंटे के वायु गुणवत्ता डेटा व मौसम की जानकारी के आधार पर यह छह प्रमुख प्रदूषकों पीएम 2.5, पीएम 10, सीओ, एसओ 2, एनओ 2 और ओ3 के स्तर को 95% से ज्यादा सटीकता से बताता है।
तापमान, बारिश, हवा की गति का भी विश्लेषण
एयरोविजन तापमान, वर्षा, हवा की गति, दबाव, नमी और धूप जैसे कारकों का भी विश्लेषण करता है। डेटा 25 किमी के ग्रिड से हर घंटे एकत्र किया जाता है। आइआइटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास जोशी ने कहा, एयरोविजन पहले से आगाह कर देगा, ताकि वे अपने स्वास्थ्य और बाहरी गतिविधियों की योजना बना सकें। प्रो. गोयल ने बताया कि यह प्रणाली डेटा को मानकों के अनुसार रंगों में बदलकर एक्यूआइ दिखाती है।
ये हैं पैमाने
हरा (0-50) : अच्छी हवा पीला (51-100) : सामान्य, संवेदनशील लोगों को सावधानी नारंगी (101-200) : संवेदनशील लोगों के लिए अस्वास्थ्यकर लाल (201-300) : सभी के लिए अस्वास्थ्यकर बैंगनी (301 ) : बहुत खतरनाक, बाहर जाने से बचें