इसके साथ ही मनणावास के हुकमानन्द महाराज, पहाड़ेश्वर महादेव मठ लुदराड़ा के दत्त नारायण गिरि महाराज, जोड़ सरोवर आश्रम असाड़ा के परशुनन्द महाराज, अवधेश चैतन्य ब्रह्मचारी महाराज, परेऊ मठ ओंकारभारती महाराज, खण्डप के उमाकांत गिरि महाराज, जगदीशपुरी महाराज चौहटन, तारातरा मठ के प्रताप पुरी महाराज, बाड़मेर के खुशाल गिरि महाराज, राजाराम आश्रम शिकारपुरा के दयाराम महाराज, जैतेश्वर धाम सिणधरी के पारसाराम महाराज, उन्दरा फांटा के घनश्यामदास महाराज, कनाना मठ के परशुराम गिरि महाराज, पुनासा मठ के बाबू गिरि महाराज, सिवाना के नृत्य गोपालदास महाराज, धुम्बड़ा व मोहिवाड़ा मठ के राज भारती महाराज, शिवानन्द मठ दादाल के विजयानन्द महाराज, भाद्राजून की ढाणी के संतोष भारती महाराज, गोविन्द राम बगेची समदड़ी के नृसिंह दास महाराज, मोकलसर के चेतन गिरि महाराज, मोकलसर के नरेन्द्र गिरि महाराज, गादेसरा के बालकानन्द महाराज, मांगी धीरा मठ के समरानन्द सरस्वती महाराज, संतोष बाइसा बिकरलाई, जालजी भक्त धीरा एवं गोपेश्वर महाराज मठ मायलावास का सान्निध्य भी मिलेगा।
महोत्सव के तहत 28 मई को श्याम पालीवाल एंड पार्टी, 29 मई को भवानीसिंह राजपुरोहित एंड पार्टी कोलु तथा उदयसिंह राजपुरोहित एंड पार्टी फुलासर, 30 मई को गजेन्द्र राव एंड पार्टी भजनों की प्रस्तुति देंगे। तीनों दिन कुनाल राज एवं पार्टी दिल्ली की ओर से झांकी सजाई जाएगी। चंदन सिंह राजपुरोहित धांगड़वास मंच संचालन करेंगे। ज्योतिष एवं कर्मकांड विशेषज्ञ आचार्य पंडित भूपेन्द्र द्विेदी के साथ ही पंडित विजय कुमार दवे मोकलसर एवं पंडित महेन्द्र कुमार दवे मोकलसर प्रतिष्ठा के सभी धार्मिक कार्य संपन्न कराएंगे।