स्क्रीन पर जरूरत से ज्यादा समय बिताना
आजकल फोन, लैपटॉप और टीवी हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन गए हैं। लेकिन लगातार स्क्रीन पर घूरते रहने से आंखों पर तनाव बढ़ता है, सूखापन आता है और नजर धुंधली होने लगती है। अगर बीच-बीच में ब्रेक न लिया जाए तो आंखों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे लंबे समय में चश्मे की जरूरत पड़ सकती है।
पोषण की कमी
हमारा खानपान भी आंखों की रोशनी पर गहरा असर डालता है। विटामिन A, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स आंखों के लिए बेहद जरूरी हैं। लेकिन जब डाइट में सिर्फ प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड शामिल होता है तो आंखों को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। हरी पत्तेदार सब्जियां, गाजर, रंगीन फल-सब्जियां, मेवे और मछली जैसी चीजें आंखों को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं।
आंखों को बार-बार रगड़ना
थोड़ी-सी जलन या खुजली होने पर बहुत से लोग आंखें रगड़ने लगते हैं। ऐसा करना आंखों के नाजुक ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही, हाथों में मौजूद बैक्टीरिया आंखों तक पहुंचकर संक्रमण का खतरा भी बढ़ा देते हैं।
धूप का चश्मा न पहनना
सूरज की तेज रोशनी में बिना सनग्लासेस के बाहर निकलना आपकी आंखों के लिए हानिकारक है। यूवी किरणें आंखों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती हैं, जिससे मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजनरेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा आंखों के आसपास की त्वचा जल्दी बूढ़ी दिखने लगती है।
मेकअप लगाकर सोना
रात में मेकअप न हटाने से आंखों की तेल ग्रंथियां (oil glands) बंद हो सकती हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। इससे जलन, लालिमा, स्टाइज (फुंसी) और यहां तक कि कंजंक्टिवाइटिस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसलिए सोने से पहले मेकअप हटाना बेहद जरूरी है।