अध्ययन के मुताबिक, सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल और पाम तेल का सेवन वजन बढ़ाने से जुड़ा पाया गया है। पाम तेल में पामिटिक एसिड जैसे संतृप्त वसा अम्ल (SFA) अधिक होते हैं, जबकि सोयाबीन और सूरजमुखी तेल ओमेगा-6 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (PUFA) से भरपूर हैं। शोध बताते हैं कि SFA और ओमेगा-6 PUFA से भरपूर तेल सूजन, उच्च कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोगों के खतरे से जुड़े हो सकते हैं।
ये 3 तेल बना रहे हैं आपको मोटा
दूसरी ओर, तिल का तेल वजन घटाने में कारगर साबित हो सकता है। रिसर्च के मुताबिक, तिल का तेल 2.57 से 4.09 किलो तक वजन कम करने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद फ्लेवोनॉइड्स, एंटीऑक्सीडेंट्स और लिग्नान (जैसे सेसामिन, एपिसेसामिन और सेसामोलिन) वसा बनने की प्रक्रिया को कम करते हैं और शरीर से अतिरिक्त चर्बी घटाने में मदद करते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि तिल के तेल पर अभी सीमित संख्या में अध्ययन हुए हैं, इसलिए इसके प्रभाव को लेकर और रिसर्च जरूरी है।
पीएम मोदी ने भी मोटापे पर जताई चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने संबोधन में मोटापे को साइलेंट एपिडेमिक बताया। उन्होंने कहा कि बदलती लाइफस्टाइल और गलत खानपान, खासकर अत्यधिक तेल और जंक फूड का सेवन, मोटापे और उससे जुड़ी बीमारियों का बड़ा कारण बन रहा है। पीएम मोदी ने लोगों से अपील की कि वे तेल का इस्तेमाल सीमित करें, हेल्दी फैट चुनें और नियमित व्यायाम करें।
हेल्दी ऑयल चुनना क्यों जरूरी है?
तेल सिर्फ स्वाद बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि शरीर की सेहत पर गहरा असर डालते हैं। गलत तेल का लंबे समय तक सेवन न केवल मोटापा बढ़ा सकता है, बल्कि हृदय रोग, डायबिटीज और अन्य मेटाबॉलिक बीमारियों का खतरा भी बढ़ा सकता है।