समस्या ये है कि हड्डियों को नुकसान हर बार तुरंत दिखाई नहीं देता। कई बार लक्षण धीरे-धीरे सामने आते हैं। इसलिए इनके शुरुआती संकेत पहचानना जरूरी है, ताकि इलाज समय पर हो सके और परेशानी बढ़ने से पहले कंट्रोल में आ जाए।
लगातार हड्डियों में दर्द
अगर किसी खास जगह पर लंबे समय तक दर्द हो रहा है और आराम या दवाई लेने से भी ठीक नहीं हो रहा, तो यह हड्डियों को नुकसान का संकेत हो सकता है। यह दर्द हल्का, सुस्त, चुभने वाला या तेज हो सकता है और अक्सर रात में या हड्डी से जुड़ी किसी गतिविधि के दौरान बढ़ जाता है। हड्डियों में यह दर्द फ्रैक्चर, इंफेक्शन, ऑस्टियोपोरोसिस या कैंसर जैसी बीमारियों की वजह से हो सकता है। खासकर अगर दर्द हफ्तों तक बना रहे, तो इसे हल्के में न लें।
हड्डी के पास सूजन या गांठ
कभी-कभी हड्डी के आसपास सूजन आना या गांठ बनना भी हड्डियों को नुकसान का शुरुआती लक्षण है। यह सूजन धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआत में ज्यादा ध्यान नहीं जाती। सूजन का कारण हड्डी के पास का टिश्यू इंफेक्शन, सूजन या ट्यूमर भी हो सकता है। गांठ मुलायम या कठोर हो सकती है और कभी-कभी छूने पर गर्म भी महसूस हो सकती है। अगर सूजन के साथ चलने-फिरने में दिक्कत हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
चलने-फिरने में कमी या अकड़न
हड्डियों को नुकसान होने पर जोड़ों और मांसपेशियों में समस्या आने लगती है, जिससे मूवमेंट कम हो जाता है। हाथ, पैर या रीढ़ के पास चोट होने पर चलने, झुकने, उठाने में परेशानी और दर्द हो सकता है। अगर स्पाइन के पास हड्डी को नुकसान है, तो नसों पर असर पड़ सकता है, जिससे सुन्नपन या झनझनाहट महसूस हो सकती है। शुरुआत में यह हल्की समस्या लग सकती है, लेकिन इलाज न करने पर यह स्थायी रूप से मूवमेंट को प्रभावित कर सकती है।
बिना वजह हड्डी का टूटना
अगर आपकी हड्डी बिना किसी बड़े हादसे या चोट के टूट जाए, तो यह अंदरूनी कमजोरी का संकेत है। इसे पैथोलॉजिकल फ्रैक्चर कहते हैं। ऑस्टियोपोरोसिस, हड्डियों के इंफेक्शन या ट्यूमर से हड्डियां इतनी कमजोर हो सकती हैं कि साधारण काम (जैसे झुकना, उठाना या खांसना) करने पर भी टूट जाएं।
थकान, वजन कम होना और शरीर में कमजोरी
हड्डियों में होने वाली गंभीर बीमारियां (जैसे कैंसर या इंफेक्शन) पूरे शरीर को प्रभावित करती हैं। इसके लक्षणों में लगातार थकान, बिना वजह वजन कम होना, हल्का बुखार, रात में पसीना आना और कमजोरी शामिल हैं।