स्ट्रेस और बीमारियों का असर
तनाव, बुखार या इन्फेक्शन की स्थिति में शरीर ऐसे हार्मोन रिलीज करता है, जो ब्लड शुगर को बढ़ा देते हैं। ऐसे समय पर आपकी रिपोर्ट सामान्य से ज्यादा आ सकती है।सही तरीका – अगर ऐसी स्थिति में शुगर हाई दिखे तो घबराएं नहीं, लेकिन लगातार हाई रिजल्ट आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
हाथ धोए बिना टेस्ट करना
कई लोग जल्दी में सीधे उंगली चुभोकर टेस्ट कर लेते हैं। लेकिन अगर हाथों पर जरा-सा फल का रस, मिठास या गंदगी लगी है, तो आपकी रीडिंग झूठी निकल सकती है।सही तरीका – टेस्ट से पहले साबुन-पानी से हाथ धोकर अच्छी तरह सुखा लें। अल्कोहल वाइप इस्तेमाल किया है तो पूरी तरह सूखने दें।
गलत टाइमिंग पर शुगर चेक करना
ब्लड शुगर की रीडिंग का समय बहुत मायने रखता है। फास्टिंग का मतलब है 8-10 घंटे तक कुछ न खाने के बाद टेस्ट करना। वहीं पोस्टप्रांडियल रीडिंग खाना शुरू करने के ठीक 2 घंटे बाद ली जाती है। अगर समय गड़बड़ हुआ, तो पैटर्न गलत दिखेगा।सही तरीका – हमेशा डॉक्टर द्वारा बताए गए टाइम पर ही टेस्ट करें।
खून की मात्रा कम लेना
नए ग्लूकोमीटर थोड़े से खून में काम कर जाते हैं, लेकिन अगर बूंद बहुत छोटी हो या उंगली को जोर से दबाकर निकाला गया खून स्ट्रिप पर लगा, तो रिजल्ट गड़बड़ा सकता है।सही तरीका – उंगली को हल्का-सा मसाज करें, ज्यादा दबाव न डालें और स्ट्रिप को खून की बूंद के सीधे संपर्क में आने दें।
एक्सपायर्ड या खराब स्ट्रिप्स
टेस्ट स्ट्रिप्स नमी और तापमान के प्रति बहुत संवेदनशील होती हैं। अगर एक्सपायर हो चुकी हैं या सही तरीके से स्टोर नहीं हुईं, तो रीडिंग गलत आना तय है।सही तरीका – हमेशा स्ट्रिप्स की एक्सपायरी डेट चेक करें और डिब्बे को तुरंत बंद करके सुरक्षित जगह पर रखें।
ग्लूकोमीटर की सही देखभाल न करना
ग्लूकोमीटर भी एक मेडिकल डिवाइस है। अगर इसे धूल, नमी या गंदगी में रख दिया, तो इसकी परफॉर्मेंस प्रभावित हो सकती है।सही तरीका – समय-समय पर डिवाइस को साफ करें और कंट्रोल सॉल्यूशन से इसकी एक्यूरेसी जांचते रहें।