AIIMS Bhopal: एम्स भोपाल में नवजात शिशु का किया एमआरआई, 45 मिनट तक चली प्रक्रिया
एक शिशु को मस्तिष्क संबंधी समस्याएं थी, जिस कारण उसे एम्स रेफर किया गया था। इस दौरान स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने मामले की जांच की,


Image Source (Pic: AIIMS Bhopal)
भोपाल. एम्स भोपाल स्वास्थ्य सेवाओं में प्रतिदिन नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। अभी बीते दो दिन पहले ही एम्स में हॉर्ट ट्रांसप्लांट और सफलतापूर्वक दो मरीजों में किडनी प्रत्यारोपण किया गया। इसी तरह रविवार को एक नवजात शिशु की सफलतापूर्वक एमआरआई किया गया। दरअसल, एक शिशु को मस्तिष्क संबंधी समस्याएं थी, जिस कारण उसे एम्स रेफर किया गया था। इस दौरान स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने मामले की जांच की, लेकिन समस्या की जानकारी नहीं हो पाई।
तेज आवाज नवजात के लिए पैदा करती है दिक्ततें
मामले की नजाकत को समझते हुए चिकित्सकों ने शिशु की एमआरआई जांच की आश्यकता महसूस की। दरअसल, एमआरआई मशीन का तेज आवाज नवजात शिशुओं के लिए काफी चुनौतीपूर्ण होता है। इस दौरान डॉक्टरों की टीम ने लगभग 45 मिनट उसे एमआरआई कक्ष में अपनी निगरानी में रखा और पूरी प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूर्ण की।
अल्ट्रासाउंड से बच्चों की अधिकांश जांच
मालूम हो कि सामान्य तौर पर नवजातों में मस्तिष्क संबंधी अधिकांश जांचें अल्ट्रासाउंड से की जाती है, लेकिन जरुरत पड़ने पर एमआरआई भी की जाती है। एम्स में सभी रोगियों को ज़रूरत के अनुसार संसाधनों का उपयोग किया जाता है।
बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धः निदेशक
इस अवसर पर एम्स भोपाल के निदेशक डॉ. और प्रो. अजय सिंह ने कहा कि एम्स भोपाल में हम प्रत्येक रोगी को सर्वोत्तम चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस नवजात के लिए की गई विशेष व्यवस्था हमारे चिकित्सकीय समर्पण और सेवा भावना का प्रतीक है। यह साबित करती है कि एम्स भोपाल में देखभाल का स्तर न केवल तकनीकी दृष्टि से उत्कृष्ट है, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी संवेदनशील है।
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