डबलू यादव हत्या, अपहरण और लूट जैसे संगीन अपराधों में वर्षों से फरार चल रहा था। बिहार पुलिस को उसकी लोकेशन उत्तर प्रदेश में मिलने पर नोएडा एसटीएफ से संपर्क किया गया, जिसके बाद दोनों एजेंसियों ने संयुक्त ऑपरेशन चलाकर उसे घेर लिया, और ढेर कर दिया।
मुठभेड़ का घटनाक्रम मुठभेड़ हापुड़ के सिंभावली थाना क्षेत्र में हुई। एनकाउंटर के दौरान डबलू यादव को गोली लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने उसके पास से आधुनिक हथियार और कारतूस बरामद किए हैं।
आपराधिक इतिहास डबलू यादव, सूर्य नारायण यादव का पुत्र और साहेबपुर कमाल थाना, बेगूसराय का निवासी था। उस पर 24 आपराधिक मुकदमे दर्ज थे, जिनमें हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और आर्म्स एक्ट के गंभीर आरोप शामिल हैं।
2025 में डबलू ने हम पार्टी के 20 सूत्रीय प्रखंड अध्यक्ष का अपहरण कर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को दियारा क्षेत्र में छिपा दिया गया था। इसी जघन्य वारदात के बाद पुलिस ने उस पर ₹50,000 का इनाम घोषित किया था।
अपराध का अंत बिहार पुलिस लंबे समय से डबलू यादव की तलाश में थी। खुफिया जानकारी के आधार पर जब उसका ठिकाना यूपी में पता चला, तो नोएडा एसटीएफ की मदद से ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
इस मुठभेड़ से साफ है कि लंबे समय से फरार और संगीन अपराधों में लिप्त अपराधी अब कानून की गिरफ्त से बच नहीं सकते। पुलिस की यह कार्रवाई अपराधियों के लिए स्पष्ट संदेश है कि चाहे जहां भी छिपो, कानून तुम्हें ढूंढ निकालेगा।