विद्यालयों से लीपापोती
शिक्षक नेताओं के अनुसार राज्य स्तर पर खरीदी गई घटिया खेल किट आपूर्ति पर अब विद्यालयों से लीपापोती कराने की कोशिश की जा रही है ताकि मुख्यालय के अफसरों की नाक बची रहे। खेल सामग्री के असंतोषजनक होने पर विद्यालय से कारण पूछा जा रहा है। भला कौन ऐसा शिक्षक होगा जो सरकार और मुख्यालय की खरीद पर उंगली उठाने की हिमाकत करेगा। अत: सभी सामग्री को संतोषजनक ही लिख रहे हैं और यही वे चाहते हैं।
क्या हुआ नुकसान
गत सत्र से पहले तक विद्यालयों को राशि दी जाती थी। हर विद्यालय अपने खेल मैदान की उपलब्धता तथा विद्यार्थियों की रुचि के अनुसार खेल सामग्री की खरीद करता था। जबकि राज्य स्तर से भेजे गए खेल किट में लगभग एक जैसी सामग्री थी। राष्ट्रीय खेल हॉकी से संबंधित सामग्री किट से गायब थी। शिक्षक नेताओं के अनुसार राउमावि को खेल सामग्री वास्ते 25 हजार रुपए मिलते थे। जबकि राज्य स्तर से आए खेल किट में मुश्किल से दस हजार की सामग्री थी।
यह बताए लाभ
शिक्षा विभाग ने राज्य स्तर से खेल किट आपूर्ति के कई लाभ बताए। जैसे कि एक साथ बड़ी मात्रा में खेल सामग्री क्रय करने से पैसों की बचत, स्थानीय स्तर पर खरीद में होने वाले कथित भ्रष्टाचार पर अंकुश आदि।