हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय के नजदीक स्थित गांव गंगागढ़ में करीब पांच हजार वर्ष पुरानी हड़प्पाकालीन सभ्यता से मिलते-जुलते सभ्यता के अवशेष मिले हैं। गत दिनों खुदाई में महत्वपूर्ण अवशेष मिलने के बाद कालीबंगा में इन वस्तुओं को संरक्षित करने के लिए संग्रहालय भी बनाया गया है। जहां देश-विदेश से लोग इसे देखने के लिए आते हैं। गांव गंगागढ़ में मिले प्राचीन सभ्यता के अवशेष को एकल-ढोकल सभ्यता के नाम से भी देश-दुनिया में जाना जाता है। पुरातत्व सर्वेक्षण से जुड़े जानकार कहते हैं कि कालीबंगा व गंगागढ़ के आसपास का यह क्षेत्र हड़प्पन लोगों के व्यापार का प्रमुख केंद्र रहा है। नगर सभ्यता के लिहाज से यह अहम था। कृषि कार्य को लेकर भी यह क्षेत्र काफी चर्चित रहा है। फिर किसी प्राकृतिक आपदा के चलते पूरा का पूरा क्षेत्र ध्वस्त हो गया। करीब 65 बरसों से चल रहे उत्खनन कार्य के दौरान अब तक मिली करीब 1450 वस्तुओं को सहेज कर कालीबंगा संग्रहालय में लगाया गया है। जो इस बात को बताने के लिए काफी है कि जब दुनिया के लोग जंगलों में जीवन बसर करने को मजबूर थे, उस वक्त हड़प्पाकालीन लोग कितने संपन्न थे।
गांव के जागरूक ग्रामीणों ने बताया कि थेहड़ से मिट्टी कटने के बाद भी पुरातत्व विभाग की तरफ़ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। काफी शिकायत के बाद पुरातत्व विभाग की टीम यहां पहुंची और पुरातत्व विभाग ने नियम कायदे लिख कर बोर्ड लगा दिया। लेकिन इसके बाद भी पूरा ऐतिहासिक टीला काटा जा रहा है। लोगों की ओर से मिट्टी काटने की लगातार की जा रही शिकायत के बाद भी सरकारी तंत्र का सक्रिय नहीं होना अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार ऐतिहासिक थेहड़ पर लोग कब्जा कर मकान तक बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
-करीब 5000 वर्ष पुरानी मानी जाती है हड़प्पाकालीन सभ्यता। गांव गंगागढ़ के थेहड़ भी इससे मिलते-जुलते हैं। जिन्हें एकल-ढोकल सभ्यता के नाम से भी लोग जानते हैं।
-उत्खनन के दौरान मिली करीब 1450 वस्तुओं को कालीबंगा संग्रहालय में लगाया गया है।
-हड़प्पन लोगों की औसत ऊंचाई करीब 07 फुट होने का अनुमान लगाया गया है।
-कालीबंगा में स्थित तत्कालीन हड़प्पा नगर में करीब 10 हजार लोगों के जीवन-बसर करने की बात पुरातत्वविद कह रहे हैं।
गांव गंगागढ़ में पुरातत्व विभाग की संरक्षित क्षेत्र से अवैध रूप से मिट्टी काटकर उठाने का मामला सामने आने पर पुरातत्व विभाग की टीम को हमने जाब्ता उपलब्ध करवा दिया। मौके पर जो लोग मिट्टी उठा रहे थे, उन्हें पाबंद कर दिया है कि वह भविष्य में यहां से मिट़्टी उठाव नहीं करेंगे।
-सुभाष कच्छावा, थाना प्रभारी, हनुमानगढ़ टाउन