दरअसल विष्णु को 2019 में विदिशा के कुटुंब न्यायालय से तलाक मिल गया था। पत्नी ने 2020 में हाईकोर्ट में अपील दायर की। 25 फरवरी 2020 को अधिवक्ता सर्वेश शर्मा ने हाईकोर्ट में स्टे के लिए आवेदन लगाया। कोर्ट ने तलाक की डिक्री पर रोक लगा दी। इसके बाद विष्णु दूसरा विवाह नहीं कर सकता था।
कार्यक्रम में पहुंची दूसरी पत्नी
कोर्ट की रोक के बाद विष्णु ने दूसरा विवाह रचाया। कार्यक्रम के बीच पहली पत्नी पुलिस के साथ पहुंची और विवाह रुकवा दिया। 12 जुलाई 2021 को फिर से विवाह कर लिया। पत्नी ने उसके फोटोग्राफ हाईकोर्ट में पेश किए। इसको लेकर कोर्ट ने उसे अवमानना के लिए दोषी माना। अलग से आपराधिक अवमानना का प्रकरण दर्ज किया। इस मामले में सुनवाई थी। स्टे के बाद दूसरा विवाह करने पर 6 महीने की सजा सुनाई है। ये भी पढ़ें: संविदा कर्मियों और आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलेगा बकाया वेतन, बजट जारी कोर्ट के स्टे के बाद किया दूसरा विवाह
हाईकोर्ट ने विष्णु को बेटी के नाम 5 लाख रुपए की एफडी करने का विकल्प दिया। उसे निर्देशित किया कि 5 लाख रुपए बैंक में जमा कर देता है तो उसे सजा नहीं दी जाएगी। उसने पलटी मारते हुए कहा कि वह कोई राशि जमा नहीं कर सकता है। कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के स्टे के बाद दूसरा विवाह किया है। इससे कोर्ट की अवमानना हुई है। कोर्ट ने पत्नी को भी स्वतंत्र किया कि वह पति के खिलाफ आईपीसी की धारा 494 के तहत कार्रवाई कर सकती है।