scriptअकेली खड़ी ट्रॉली को मोटर व्हीकल की परिभाषा में शामिल नहीं कर सकते, 12.30 लाख की क्षतिपूर्ति निरस्त | हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मोटर वाहन दुर्घटना दावा प्रकरण में अहम फैसला सुनाते हुए साफ किया कि सड़क किनारे खड़ी अकेली ट्रॉली (बिना ट्रैक्टर के जुड़ी) को मोटर व्हीकल की परिभाषा में शामिल नहीं किया जा सकता। | Patrika News
ग्वालियर

अकेली खड़ी ट्रॉली को मोटर व्हीकल की परिभाषा में शामिल नहीं कर सकते, 12.30 लाख की क्षतिपूर्ति निरस्त

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मोटर वाहन दुर्घटना दावा प्रकरण में अहम फैसला सुनाते हुए साफ किया कि सड़क किनारे खड़ी अकेली ट्रॉली (बिना ट्रैक्टर के जुड़ी) को मोटर व्हीकल की परिभाषा में शामिल नहीं किया जा सकता।

ग्वालियरAug 23, 2025 / 11:04 am

Balbir Rawat

gwalior high court

gwalior high court

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मोटर वाहन दुर्घटना दावा प्रकरण में अहम फैसला सुनाते हुए साफ किया कि सड़क किनारे खड़ी अकेली ट्रॉली (बिना ट्रैक्टर के जुड़ी) को मोटर व्हीकल की परिभाषा में शामिल नहीं किया जा सकता। क्योंकि वह यांत्रिक रूप से अकेली सड़क पर चलने में सक्षम नहीं है। ट्रॉली सड़क किनारे खड़ी थी, जिसे मृतक ने टक्कर मारी थी। इसलिए भी ट्रिब्यूनल ने फैसला देने में गलती की है। इसलिए आदेश को निरस्त किया जाता है। ट्रॉली मालिक को 12 लाख 30 हजार की क्षतिपूर्ति की देनदारी से मुक्त कर दिया।
दरअसल घटना विदिशा जिले में 18 अक्टूबर 2017 को घटी। रात करीब 9:30 बजे ग्राम पथरिया स्थित एक पेट्रोल पंप के पास सड़क किनारे बिना हेडलाइट और चेतावनी संकेतक के एक ट्रॉली खड़ी थी। मृतक पवन अहिरवार अपनी मोटरसाइकिल से गुजर रहे थे और अंधेरे में ट्रॉली से टकराने पर उनकी मौत हो गई।
परिजनों ने थाने में मर्ग रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके बाद आरोपी ट्रॉली मालिक पप्पू रघुवंशी के खिलाफ धारा 304-ए में प्रकरण दर्ज हुआ। मृतक के परिजनों ने मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण में मुआवजे की मांग की। ट्रिब्यूनल ने वर्ष 2024 में ₹12,30,700 मुआवजा देने का आदेश पारित किया था। इस आदेश के खिलाफ पप्पू रघुवंशी ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। अपील पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
अपील पर फैसला सुनते हुए हाईकोर्ट ने कहा

-मोटर व्हीकल एक्ट की धारा 2 (28) के अनुसार मोटर व्हीकल वही वाहन है, जो यांत्रिक रूप से सड़क पर चलने के लिए सक्षम हो और किसी मोटर से जुड़ा हो। एफआईआर में भी स्पष्ट है कि ट्रॉली किनारे अकेली खड़ी थी।
-यदि ट्रॉली अकेली खड़ी है और किसी ट्रैक्टर से जुड़ी नहीं है, तो उसे मोटर वाहन नहीं माना जा सकता। इस आधार पर कोर्ट ने माना कि ट्रिब्यूनल का मुआवजा आदेश कानूनन सही नहीं था।
-केवल ट्रॉली से हुई दुर्घटना को मोटर वाहन दुर्घटना नहीं माना जा सकता, अतः दावा न्यायाधिकरण द्वारा दिया गया मुआवजा आदेश निरस्त किया जाता है।

Hindi News / Gwalior / अकेली खड़ी ट्रॉली को मोटर व्हीकल की परिभाषा में शामिल नहीं कर सकते, 12.30 लाख की क्षतिपूर्ति निरस्त

ट्रेंडिंग वीडियो