बंगाल की खाड़ी में आया चक्रवात है कारण
इस चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ रेखा विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तर आंतरिक कर्नाटक होते हुए दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तक फैली हुई है, जो समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक विस्तारित है। इस कारण से दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे सटे तमिलनाडु के ऊपर भी एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। इसके असर से अगले 24 घंटे में पश्चिम मध्य प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों मैं रातें सामान्य से ज्यादा गर्म रह सकती हैं।
बारिश के बाद बढ़ा गुना का तापमान
वहीं बादल बारिश का दौर थमते ही गुना में पारा चढ़ने लगा है और तेज धूप का अहसास होने लगा है। बुधवार के बाद से ही गुना सहित ग्वालियर, चंबल और इंदौर संभाग के जिलों में लू का असर देखने को मिलेगा। दिन का तापमान 40-42 डिग्री और रात का तापमान 20-24 डिग्री के आसपास पहुंच सकता है। ये भी पढ़े –
27 सड़कें चिन्हित, 216 करोड़ का प्लान तैयार, अब बारिश से पहले पूरा होगा काम तीसरे सप्ताह में यह रहेगा पारा
अप्रैल के तीसरे सप्ताह में गुना में न्यूनतम तापमान 25 से 27 डिसे व अधिकतम 42 से 44 डिग्री सेल्सियस तक रह सकता है। इस दौरान लू चलने और कहीं कहीं हल्की बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार अप्रैल के चौथे सप्ताह में गुना में पारा 43-45 डिग्री जबकि इंदौर, उज्जैन-भोपाल आदि में 41 से 44 डिग्री तापमान रह सकता है। बंगाल क्षेत्र में साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के चलते हीटवेव और दिन-रातें भी गर्म रहने का अनुमान है।
हवा का रुख दो तरफा
वर्तमान में हवा का रुख उत्तरी एवं उत्तर-पूर्वी बना हुआ है। पश्चिमी राजस्थान और उसके आसपास हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात और दक्षिण मध्य प्रदेश के मध्य में हवा के ऊपरी भाग में भी एक चक्रवात है। इस चक्रवात से लेकर दक्षिण पश्चिम बंगाल तक एक द्रोणिका बनी हुई है, जो छत्तीसगढ़, ओडिशा से होकर जा रही है। इसी चक्रवात से दूसरी द्रोणिका कर्नाटक तक बनी हुई है। इसके असर से गुना में तापमान बढ़ेगा और 2-3 दिन लू चलेगी। हालांकि एक नए पश्चिमी विक्षोभ के हिमालयीन क्षेत्र में सक्रिय होने की संभावना है। गर्मी बढ़ते ही मौसमी फलों की मांग बढ़ गई है।