ब्लड डोनेट कर मांगे पैसे
जानकारी के अनुसार, हाल ही में एक ग्रामीण महिला अपने गंभीर रूप से बीमार बच्चे के इलाज के लिए जिला अस्पताल आई थी। बच्चे को रक्त की आवश्यकता थी, और ब्लड बैंक ने उसे निःशुल्क रक्त देने की बात कही थी, बशर्ते बदले में एक रक्तदाता लाना जरूरी था। जैसे ही महिला ब्लड बैंक से बाहर निकली, पहले से ताक में खड़ा एक युवक उसके पास आया और मदद का प्रस्ताव दिया। युवक ने ब्लड डोनेट कर दिया, लेकिन कुछ देर बाद उसने महिला से 1500 रुपए की मांग कर दी। मजबूरी में महिला ने पैसे दे दिए।
ब्लड बैंक स्टाफ के भी उड़े होश
महिला ने जब ब्लड बैंक स्टाफ को इस धोखाधड़ी की जानकारी दी, तो वहां भी अफरा-तफरी मच गई। जांच में पता चला कि जिस युवक ने रक्तदान किया था, उसे बाकायदा प्रशंसा पत्र भी दिया गया था। जब उसके फॉर्म पर लिखे मोबाइल नंबर पर संपर्क किया गया तो वह स्विच ऑफ मिला। इससे साफ हो गया कि मामला गड़बड़ है। ब्लड बैंक प्रभारी और सिविल सर्जन ने माना चूक
ब्लड बैंक प्रभारी डॉ. अशोक कुमार ने बताया कि शिकायत के बाद पूरे मामले का संज्ञान लिया गया है। उन्होंने सिविल सर्जन को भी अवगत करा दिया है। वहीं, सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र रघुवंशी ने कहा कि आमतौर पर रक्तदाता निःस्वार्थ भाव से रक्तदान करते हैं, लेकिन पैसे लेकर रक्तदान करना अपराध है। अब अस्पताल परिसर में बाहरी लोगों की आवाजाही पर सख्ती से रोक लगाई जाएगी और चेकिंग बढ़ाई जाएगी।
ब्लड स्टॉक भी घटा, बढ़ी फर्जीवाड़े की चुनौती
गौरतलब है कि जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में पहले से ही रक्त की भारी कमी है। फिलहाल केवल 26 यूनिट रक्त स्टोरेज में बचा है, जो थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए जरूरी है। इस स्थिति में ऐसे फर्जी रक्तदाताओं का सक्रिय होना बेहद गंभीर चिंता का विषय बन गया है।