बिजलीघरों को बनने में लगभग एक वर्ष का लगेगा समय
प्राधिकरण का मानना है कि इन बिजलीघरों के निर्माण से न केवल अस्तौली और बादलपुर, बल्कि इनसे लगे अन्य क्षेत्रों को भी स्थायी रूप से बेहतर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी। अनुमान है कि इन बिजलीघरों को बनने में लगभग एक वर्ष का समय लगेगा। बैठक के दौरान एसीईओ प्रेरणा सिंह ने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी कार्य तय समयसीमा के भीतर पूरे किए जाएं और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो। इसके साथ ही जलपुरा स्थित गोशाला का विद्युतीकरण और हाईमास्ट लाइट लगाने के कार्य भी किए जाएंगे।
परियोजनाओं पर लगभग 3.91 करोड़ होंगे खर्च
इसी तरह, इकोटेक-3 के उद्योग केंद्र-1, रिजर्व पुलिस लाइन, ट्वॉय सिटी, महिला उद्यमी पार्क पार्ट-1 और पार्ट-2 में हाईमास्ट लाइटें और स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। इन प्रकाश संबंधित परियोजनाओं पर लगभग 3.91 करोड़ रुपए खर्च आने का अनुमान है। एसीईओ ने इन कार्यों को भी प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने के निर्देश दिए। यह भी पढ़ें:
‘सोनम’ से शातिर यूपी की ‘संगीता’, पहले प्रेमी के साथ की पति की हत्या फिर लिखवाई गुमशुदगी की रिपोर्ट इस समीक्षा बैठक में तकनीकी सलाहकार आरके. जायसवाल, वरिष्ठ प्रबंधक रामचरण, सौरभ भारद्वाज, अश्विनी चतुर्वेदी, मैनेजर निखिल गुप्ता, अजीत भाई पटेल, विपिन बिहारी राय सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। प्राधिकरण के इन प्रयासों से क्षेत्र में आधारभूत विद्युत ढांचे को मजबूती मिलेगी और नागरिकों को निर्बाध बिजली आपूर्ति मिल सकेगी।