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गोंडा

सपा जिलाध्यक्ष समेत 12 आरोपियों को मारपीट के मामले में कोर्ट ने सुनाई सजा, जाने पूरा मामला

जमीन के कब्जे को लेकर 2014 में हुए विवाद और मारपीट के मामले में अदालत ने फैसला सुनाया है। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष अरशद हुसैन सहित पांच लोगों को दो-दो साल की सजा दी गई है। वहीं, विपक्षी पक्ष के सात लोगों को सात-सात साल की सजा सुनाई गई है।

गोंडाAug 09, 2025 / 06:01 pm

Mahendra Tiwari

Gonda

सपा जिला अध्यक्ष अरशद हुसैन फोटो सोर्स ऑफिशियल अकाउंट फेसबुक

कब्रिस्तान की जमीन को लेकर वर्ष 2014 में हुए खूनी संघर्ष के मामले में अदालत ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। इस फैसले में समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष अरशद हुसैन और सपा युवजन सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरफराज उर्फ सोनू समेत 12 आरोपियों को दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने दोनों पक्षों के आरोपियों को अलग-अलग अवधि की सजा सुनाई है।
गोंडा जिले के कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव चिस्तीपुर में 2014 में कब्रिस्तान की जमीन को लेकर दो पक्षों में विवाद इतना बढ़ गया था कि दोनों ओर से लाठी-डंडे और धारदार हथियार चल गए। इस घटना में कई लोग घायल हुए थे। मामले में सपा जिलाध्यक्ष अरशद हुसैन, सरफराज उर्फ सोनू समेत पांच और दूसरे पक्ष से सात लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने सुनाई सजा

कोतवाली देहात पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। शासन के निर्देश पर ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत मामले की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष पैरवी की गई। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार तृतीय की अदालत ने शुक्रवार को दोनों पक्षों के आरोपियों को दोषी मानते हुए फैसला सुनाया। कोर्ट ने पहले पक्ष के सात आरोपियों साकिर अली, आरिफ, फिरोज खां, मोबीन, तसलीम, कयूब और मारूफ को सात-सात वर्ष के कठोर कारावास और कुल 64,250 जुर्माना देने की सजा सुनाई। वहीं, सपा जिलाध्यक्ष अरशद हुसैन, अफसार हुसैन, सरफराज उर्फ सोनू, मासूम अली और गुलाम हैदर को दो-दो वर्ष का सश्रम कारावास और 11,000 जुर्माने की सजा सुनाई गई।

सपा नेताओं को कोर्ट ने अपील का अवसर देते हुए जमानत पर किया रिहा

सजा की अवधि दो वर्ष होने के कारण सपा नेताओं को कोर्ट ने अपील का अवसर देते हुए जमानत पर रिहा कर दिया। जबकि दूसरे पक्ष के सात आरोपियों को तुरंत जेल भेज दिया गया। सहायक शासकीय अधिवक्ता अमित पाठक ने बताया कि यह कार्रवाई प्रभारी मॉनिटरिंग सेल ओम प्रकाश शुक्ला, अपर शासकीय अधिवक्ता, कोर्ट मोहर्रिर हेड कांस्टेबल शिवपाल सिंह और कोतवाली देहात पुलिस की प्रभावी पैरवी के चलते संभव हो सकी।

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