गोंडा जिले में सोमवार को आयुक्त की अध्यक्षता में मंडलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। बैठक में गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और श्रावस्ती जिलों की सड़क सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2024 में पूरे साल 755 सड़क हादसे दर्ज हुए थे। जबकि 2025 के पहले छह महीने (जनवरी से जून) में ही 874 हादसे हो चुके हैं। इस दौरान घायलों की संख्या 93 और मृतकों की संख्या 66 बढ़ी है। बढ़ते हादसों पर नाराज आयुक्त ने कहा कि सड़क सुरक्षा में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने रोड सेफ्टी पॉलिसी के 4E—Education, Enforcement, Engineering और Emergency Care—पर ठोस कार्ययोजना बनाकर अमल करने के निर्देश दिए। साथ ही, ब्लैक स्पॉट्स खत्म करने, तीव्र मोड़ों पर स्पीड ब्रेकर और साइनेज लगाने, स्कूली वाहनों की फिटनेस जांच और चालकों का चरित्र सत्यापन सुनिश्चित करने पर जोर दिया।
नियंत्रण न होने पर कठोर कार्रवाई की चेतावनी
देवीपाटन मंडल के आयुक्त शशि भूषण लाल सुशील ने बैठक में चालान, लाइसेंस निलंबन, मेडिकल एक्शन प्लान और स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रमों की भी समीक्षा की। आयुक्त ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल दंडात्मक कार्रवाई से नहीं, बल्कि जन-जागरूकता से संभव है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि हादसों पर नियंत्रण नहीं हुआ तो संबंधित अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई तय है।