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गोंडा जिले में गांव चौपाल 3.0 को प्रभावशाली बनाने के लिए डीएम ने जिला स्तरीय सभी अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ग्राम चौपालों को पूर्ण सजगता और उत्तरदायित्व के साथ संपन्न किया जाए। डीएम ने अभी हाल में आयोजित चौपाल से अनुभव किया गया कि कुछ विभागीय स्तरों पर तैयारी में शिथिलता रही। डीएम ने स्पष्ट किया कि अब प्रत्येक चौपाल से पूर्व चिन्हित प्रकरणों की पूर्व समीक्षा अनिवार्य होगी। फील्ड स्तर पर लापरवाही की स्थिति में सीधी जवाबदेही तय की जाएगी।
डीएम ने इन बिंदुओं को लेकर दिए कड़े निर्देश
डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि प्रत्येक ग्राम चौपाल से पहले, उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदारों को संबंधित प्रकरणों की केस-टू-केस समीक्षा करनी होगी। इसमें किसी भी प्रकार की ढिलाई की स्थिति में उत्तरदायित्व तय कर कार्रवाई की जाएगी। योजनाओं से वंचित लोगों को प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा जाएगा। इसके लिए खंड विकास अधिकारी और संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जो पात्र परिवार अब तक लाभार्थीपरक योजनाओं से वंचित हैं। उनका चिन्हीकरण कर आवेदन प्राप्त किए जाएं और नियमानुसार त्वरित निस्तारण हो। नोडल अधिकारियों को निरीक्षण और रिपोर्टिंग का अधिकार रहेगा। ग्राम भ्रमण के दौरान नोडल अधिकारी आदेशों के अनुपालन की समीक्षा और रिपोर्टिंग करेंगे। किसी भी कर्मचारी द्वारा निर्देशों की अवहेलना की स्थिति में तत्काल संस्तुति सहित अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। Balrampur: डीएम की बड़ी कार्रवाई, 37 अधिकारियों को जारी किया नोटिस, 72 घंटे के अंदर मांगा जवाब कई विभाग में मचा हड़कंप
शासन की प्राथमिकता है ग्राम चौपाल
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि ग्राम चौपाल अब केवल औपचारिक मंच नहीं है। बल्कि यह शासन की जमीनी प्राथमिकताओं का प्रतिनिधित्व करता है। इसमें उपस्थिति, सक्रिय सहभागिता और समाधान-प्रधान कार्यशैली अनिवार्य है। सभी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे न केवल समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करें। बल्कि दायित्वबोध के साथ जनसमस्याओं का समाधान भी करें।