2016 में हर्ष वर्धन जैन ने दिया था बड़ा डोनेशन
इस संगठन में वर्ष 2016 में हर्ष वर्धन जैन ने वेस्टआर्कटिका को एक बड़ा डोनेशन दिया था, जिसके बाद उन्हें संगठन के अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवकों की टीम में ‘मानद वाणिज्य दूत-भारत’ के रूप में नामित किया गया।
‘कभी भी ‘राजदूत’ (एंबेसडर) का दर्जा या अधिकार नहीं दिया’
संगठन ने साफ किया है कि उन्हें कभी भी ‘राजदूत’ (एंबेसडर) का दर्जा या अधिकार नहीं दिया गया। जब हर्ष वर्धन जैन को गिरफ्तार किया गया, तो उनके पास वेस्टआर्कटिका के नाम और मुहर वाले कूटनीतिक नंबर प्लेट, पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज पाए गए।
एंबेसी’ घोषित करना संगठन के प्रोटोकॉल का उल्लंघन
संगठन ने यह स्पष्ट किया है कि न तो वे कूटनीतिक नंबर प्लेट या पासपोर्ट का उपयोग करते हैं और न ही कभी किसी प्रतिनिधि को ऐसा करने की अनुमति दी गई है। अपने निवास को ‘एंबेसी’ घोषित करना भी संगठन के प्रोटोकॉल का घोर उल्लंघन है। इन सभी अनधिकृत गतिविधियों के चलते हर्ष वर्धन जैन को वेस्टआर्कटिका से अनिश्चितकालीन रूप से निलंबित कर दिया गया है।
जांच में एजेंसियों को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन
संगठन की कार्यकारिणी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया गया है।संगठन ने यह भी बताया है कि वे अपने सभी मानद दूतों की एक विस्तृत समीक्षा कर रहे हैं ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। संगठन ने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को अपनी मूल भावनाओं और पर्यावरणीय मिशन से अलग बताया है और कहा है कि यह घटना उनके मूल्यों और सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व नहीं करती।