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कलेक्टर की अनुमति जरूरी थी, जो नहीं मिल पाई। किसानों ने तहसील से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक सालों दौड़ लगाई। कोई समाधान नहीं मिला। आखिर में मामला ठंडे बस्ते में चला गया। हाल ही में टीकम चंद साहू किसानों को लेकर सांसद बृजमोहन अग्रवाल से मिले।
सांसद ने कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार को निर्देश दिए। महज 5 महीनों में पंजीयन और प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई। अब इन किसानों को कृषि भूमि की ऋण पुस्तिका (किसान किताब) मिल गई है। इससे वे सरकारी योजनाओं और बैंक ऋण जैसी सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे।