Home Guard and Territorial Army: मुख्य अंतर
होमगार्ड
होमगार्ड एक स्वैच्छिक बल (volunteer force) है जो राज्य सरकारों के अधीन काम करता है। इसका मुख्य उद्देश्य पुलिस की मदद करना, आपदा के समय राहत कार्यों में सहयोग देना और आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना है। यह फोर्स राज्य सरकार के अधीन आती है और राज्य सरकार के आदेश को ही मानती है।
टेरिटोरियल आर्मी भारतीय सेना का एक हिस्सा है, जो नागरिकों को सेना की सेवा में भाग लेने का मौका देता है, वो भी अपनी नौकरी या व्यापार को जारी रखते हुए। इसका मकसद जरुरत पड़ने पर सेना को सहायता देना है। आम नागरिक इसमें अपने काम के साथ जरुरत पड़ने पर भाग ले सकते हैं।
नौकरी का प्रकार
होमगार्डयह पूरी तरह से स्वैच्छिक सेवा होती है। इसमें आमतौर पर अस्थायी ड्यूटी मिलती है, जब जरूरत होती है। इसमें नौकरी तय समय के लिए दिया जाता है। टेरिटोरियल आर्मी
यह पार्ट-टाइम सैनिक सेवा है। इसमें लोग समय-समय पर ट्रेनिंग और ड्यूटी करते हैं, लेकिन यह सेना की औपचारिक संरचना में शामिल होती है। टेरिटोरियल आर्मी में लंबे समय की नौकरी नहीं होती है।
भर्ती प्रक्रिया
होमगार्ड
न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता आमतौर पर 10वीं पास होती है।
भर्ती राज्य सरकार द्वारा की जाती है।
शारीरिक फिटनेस जरूरी है। टेरिटोरियल आर्मी
उम्मीदवार को ग्रेजुएट होना चाहिए।
उम्र 18 से 42 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
लिखित परीक्षा, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के बाद भर्ती होती है।
वेतन और भत्ते
होमगार्डड्यूटी के समय के आधार पर डेली एलाउंस (Daily Allowance) मिलता है।
नियमित वेतन नहीं होता। टेरिटोरियल आर्मी
ड्यूटी और ट्रेनिंग के समय सेना के बराबर वेतन और भत्ते मिलते हैं।
सेवा के दौरान अन्य सैन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं।
काम का क्षेत्र
होमगार्डट्रैफिक कंट्रोल, दंगे रोकना, बाढ़ या आग जैसी आपदाओं में मदद करना।
पुलिस और सिविल प्रशासन की सहायता। टेरिटोरियल आर्मी
सीमा पर सुरक्षा (यदि ज़रूरत हो तो), ट्रेनिंग, सैन्य सहायता कार्य।
कई बार प्राकृतिक आपदाओं में भी सहायता करती है।
वर्दी
होमगार्डअलग पहचान वाली वर्दी होती है। यह पुलिस से अलग होती है। टेरिटोरियल आर्मी
पूरी तरह से सेना की वर्दी पहनते हैं और उन्हें सैनिकों जैसा सम्मान मिलता है। यह खबर भी पढ़ें:- UPSC Admit Card 2025: ऐसे कर पाएंगे यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड डाउनलोड, इन जरुरी जानकारियों को अच्छे से जांच लें