42 यूनिवर्सिटी से पढ़ाई, 20 से ज्यादा डिग्रियां
डॉ. श्रीकांत जिचकर का जन्म 1954 में महाराष्ट्र में हुआ था। उन्होंने पढ़ाई को केवल एक जिम्मेदारी नहीं बल्कि एक जुनून बनाया। उन्होंने मेडिकल, लॉ, एमबीए, पत्रकारिता, इतिहास, राजनीति, संस्कृत, दर्शनशास्त्र जैसी कई विषयों में 20 से अधिक डिग्रियां हासिल कीं और 42 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में पढ़ाई की। यह आंकड़ा उन्हें भारत के सबसे पढ़े-लिखे व्यक्ति के रूप में पहचान दिलाता है।
दो बार UPSC पास कर बने IPS और फिर IAS
1978 में श्रीकांत जिचकर ने UPSC परीक्षा पास की जिसके बाद वह IPS बने। लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा यहीं नहीं रुकी। उन्होंने दोबारा UPSC परीक्षा दी और इस बार 1980 में IAS अधिकारी बने।
26 की उम्र में बने महाराष्ट्र के सबसे युवा विधायक
IAS की नौकरी छोड़कर उन्होंने राजनीति में कदम रखा और महज 26 साल की उम्र में महाराष्ट्र विधानसभा के सबसे कम उम्र के विधायक बन गए। उन्होंने एक साथ 14 मंत्रालयों का कार्यभार संभाला और जनता के बीच एक बुद्धिजीवी और कुशल नेता की छवि बनाई। यह भी पढ़ें:
13.5 लाख छात्रों का बेसब्री से इंतजार, जानें कब आएगा रिजल्ट और आगे की प्रक्रिया कला और ज्ञान के प्रेमी थे डॉ. जिचकर
राजनीति और प्रशासन से परे, डॉ. जिचकर एक संस्कृत विद्वान और कला प्रेमी भी थे। उन्होंने नागपुर में ‘कला सागर’ नाम से एक आर्ट गैलरी स्थापित की और 50,000 से अधिक किताबों वाला एक विशाल पुस्तकालय तैयार किया। वे मानते थे कि ज्ञान ही समाज में असली बदलाव ला सकता है।
49 की उम्र में सड़क दुर्घटना में निधन
2 जून 2004 को एक सड़क हादसे में डॉ. श्रीकांत जिचकर का निधन हो गया। मात्र 49 साल की उम्र में यह महान प्रतिभा दुनिया से विदा हो गई, लेकिन उनके विचार, संघर्ष और शिक्षा के प्रति समर्पण आज भी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं।