Sainik School VS Rashtriya Military School: फीस से लेकर दाखिले तक, जानिए क्या है सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल के बीच का अंतर
Sainik School VS Rashtriya Military School: सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल, दोनों ही जगहों पर बच्चों को सेना में जाने के लिए तैयार किया जाता है। यहां जानते हैं कि इन दोनों स्कूल के बीच क्या अंतर है, एडमिशन कैसे मिलता है और योग्यता क्या है-
सैनिक स्कूल VS राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल (क्रेडिट- पत्रिका)
Sainik School VS Rashtriya Military School: केंद्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल जैसे स्कूल देश के बेस्ट सरकारी विद्यालय की लिस्ट में आते हैं। अपने अलग अलग नाम की तरह इनका उद्देश्य और पठन-पाठन का तरीका भी एक दूसरे से अलग है। इससे पहले हमने आपको केंद्रीय विद्यालय और सैनिक स्कूल के बीच का फर्क बताया था। वहीं आज हम जानेंगे कि सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल में क्या अंतर है और ये दोनों एक दूसरे से कैसे अलग हैं।
सैनिक स्कूल और मिलिट्री स्कूल, दोनों ही जगहों पर बच्चों को सेना में जाने के लिए तैयार किया जाता है। इन स्कूलों में छात्रों को सशस्त्र सेना में जाने के लिए तैयार, प्रोत्साहित और प्रेरित किया जाता है। यहां जानते हैं कि इन दोनों स्कूल के बीच क्या अंतर है, एडमिशन कैसे मिलता है और योग्यता क्या है।
सैनिक स्कूल क्या है?
देश में इस वक्त कुल 33 सैनिक स्कूल हैं। सैनिक स्कूल का मुख्य उद्देश्य होता है छात्रों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) और भारतीय नौसेना अकादमी (INA) के लिए तैयार करना। यहां पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद, सैन्य प्रशिक्षण और अनुशासन पर फोकस किया जाता है।
कैसे मिलता है सैनिक स्कूल में दाखिला? (Sainik School Admission)
सैनिक स्कूल में दाखिला केवल छठी और 9वीं कक्षा में लिया जाता है। यहां अन्य किसी कक्षा में दाखिला नहीं मिलता है। दोनों ही कक्षा में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम (Sainik School Entrance Exam) लिया जाता है, जिसे AISSEE भी कहते हैं यानी कि ऑल इंडिया सैनिक स्कूल एंट्रेंस एग्जामिनेशन। इस परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर NTA की ओर से किया जाता है। सैनिक स्कूल आवासीय स्कूल है। सैनिक स्कूल की संख्या देश में ज्यादा है, इसलिए यहां एडमिशन के लिए सीट की संख्या भी ज्यादा है।
जनरल/डिफेंस/ आरक्षित वर्ग – लगभग 1.50 लाख से 1.70 लाख तक सालाना (स्कूल और शैक्षणिक वर्ष के अनुसार बदलती रहती है)
सैनिक स्कूल एग्जाम पैटर्न
सैनिक स्कूल कक्षा 6 (Sainik School Class 6th Admission) में एडमिशन के लिए 300 मार्क्स की परीक्षा होती है। 150 मिनट में 125 प्रश्न हल करने होते हैं। सैनिक स्कूल के एंट्रेंस एग्जाम में मैथ्स से सबसे ज्यादा प्रश्न पूछे जाते हैं। वहीं 9वीं कक्षा की परीक्षा कुल 400 अंकों की होती है।
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल क्या है?
देश में इस वक्त कुल 5 राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल हैं, कर्नाटक के बेंगलुरु, हिमाचल प्रदेश के चैल, बेलगाम और राजस्थान के धौलपुर और अजमेर में। इन स्कूलों को लेकर छात्रों और उनके अभिभावकों में जबरदस्त क्रेज होता है। मिलिट्री स्कूल की नींव 1922 में रखी गई थी। पहले इन स्कूलों में सिर्फ सैन्य कर्मियों के बच्चे ही दाखिला लेते थे। लेकिन आजादी के बाद 1952 में इन स्कूलों में आम नागरिक के बच्चों को भी दाखिला मिलने लगा।
कैसे मिलता है आरएमएस में दाखिला? (Military School Admission)
हालांकि, एडमिशन लेना इतना आसान नहीं है। राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल (RMS) में भी सैनिक स्कूल की तरह दाखिला 6ठीं और 9वीं कक्षा में मिलता है। RMS में एडमिशन कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) के आधार पर मिलता है। ये परीक्षा साल में एक बार दिसंबर महीने में होती है। RMS भी आवासीय स्कूल है, यहां बच्चों को रहने के साथ साथ खाने पीने और अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं। संख्या में कम होने के कारण यहां सीट्स कम हैं।
आरएमएस की फीस (RMS Fees)
राष्ट्रीस मिलिट्री स्कूलों में कैटेगरी के आधार पर फीस तय की जाती है-
केटेगरी
ट्यूशन फीस प्रति वर्ष
कॉशन मनी
OR एवं नेवी व एयरफोर्स में उनके समकक्ष (एक्स सर्विसमैन सहित)
12000 रुपये
12000 रुपये
जेसीओ और नेवी व एयरफोर्स में उनके समकक्ष (एक्स सर्विसमैन सहित)
18000 रुपये
18000 रुपये
तीनों सेनाओं के सर्विस ऑफिसर्स (एक्स सर्विसमैन सहित)
32000 रुपये
3800 रुपये
सिविलियन
51000 रुपये
6000 रुपये
सिविलियन एससी/एसटी
सिविलियन की फीस का 25%
6000 रुपये
आरएमएस एग्जाम पैटर्न
आरएमएस में 200 नंबर का एग्जाम होता है। 150 मिनट में 200 प्रश्न पूछे जाते हैं। सैनिक स्कूल हो या RMS, दोनों ही स्कूल का सिलेबस लगभग एक जैसा होता है। 9वीं कक्षा की परीक्षा कुल 400 अंकों की होती है। RMS में दाखिला पाना के लिए अंग्रेजी मजबूत होना जरूरी है।
दोनों स्कूल में समानताएं
सैनिक स्कूल हो या RMS दोनों ही आवासीय स्कूल हैं और CBSE से संबद्ध होते हैं। दोनों ही स्कूल रक्षा मंत्रालय के तहत चलते हैं। दोनों ही स्कूल में दाखिला कक्षा 6ठीं और 9वीं में मिलता है। दोनों ही स्कूल के लिए साल में एक बार राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है।
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