दरअसल, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय द्वारा ‘भारत की AI क्रांति विकसित भारत के लिए एक रोडमैप’ नामक रिपोर्ट जारी की गई। इस रिपोर्ट में कहा गया कि एआई प्रोफेशनल्स की मांग आने वाले समय में बढ़ सकती है और 2026 तक ऐसे 10 लाख कुशल लोगों की आवश्यकता होगी।
एआई से पीचएडी करने वालों को स्कॉलरशिप
वहीं इस रिपोर्ट में बताया गया कि भविष्य में एआई की बढ़ती मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने एआई स्किल्स को पठन-पाठन के साथ जोड़ने की पहल की। NEP 2020 के तहत, सरकार ने उच्च शिक्षा से लेकर स्कूली शिक्षा तक एआई, मशीन लर्निंग और कोडिंग आदि पर फोकस बढ़ाया है। इसी के साथ सरकार टॉप 50 NIRF रैंकिंग वाले संस्थानों में AI पर शोध करने वाले फुलटाइम पीएचडी कैंडिडेट्स को स्कॉलरशिप दे रही है। वहीं टियर 2 और टियर 3 शहरों में डाटा और एआई लैब स्थापित किए जा रहे हैं। NIELIT दिल्ली में एक मॉडल डाटा लैब पहले से ही स्थापित है। कंप्यूटर साइंस में दाखिला लेने वालों की संख्या में वृद्धि
इधर, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के अनुसार, शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए बीटेक सीटों में वृद्धि हुई है। नए सत्र में एडमिशन लेने वालों की संख्या बढ़कर 14.9 लाख हो गई है। यह चार वर्षों में लगभग 16 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। दिलचस्प ये है कि यह वृद्धि मुख्य रूप से कंप्यूटर साइंस, AI/मशीन लर्निंग, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग और ब्लॉकचेन जैसे क्षेत्रों में हुई है।
आईआईटी से करें एआई कोर्स (AI Courses in IIT)
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप एआई, 5जी और सेमीकंडक्टर डिजाइन को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि ग्रेजुएट कैंडिडेट्स नौकरी के लिए अपनी पूरी क्षमता और कौशल के साथ तैयार हैं। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मौजूदा समय में कई आईआईटी जैसे कि आईआईटी मद्रास कई सारे एआई आधारित कोर्स ऑफर कर रहा है।