इन देशों की खास बात यह है कि यहां के विश्वविद्यालय सिर्फ स्थानीय नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय छात्रों को भी स्कूल से लेकर यूनिवर्सिटी और रिसर्च स्तर तक या तो पूरी तरह मुफ्त शिक्षा प्रदान करते हैं या बेहद मामूली शुल्क लेते हैं। इतना ही नहीं पीएचडी जैसे उच्च कोर्स करने वाले छात्रों को स्टाइपेंड और अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैं ताकि छात्र बिना आर्थिक बोझ के पढ़ाई पूरी कर सकें।
ऐसे में जो छात्र विदेश में पढ़ाई करने का सपना देखते हैं लेकिन मोटी फीस के चलते पीछे हट जाते हैं, उनके लिए ये देश एक शानदार विकल्प बनकर उभर रहे हैं।
जर्मनी: सरकारी यूनिवर्सिटी, ट्यूशन फीस शून्य
जर्मनी की सरकारी यूनिवर्सिटीज में बैचलर और मास्टर्स कोर्सेज के लिए कोई ट्यूशन फीस नहीं ली जाती चाहे छात्र जर्मन हो या विदेशी। केवल मामूली प्रशासनिक शुल्क (लगभग 10,000 रुपये -12,000 रुपये) देना होता है। देश की करीब 300 पब्लिक यूनिवर्सिटीज में 1,000 से अधिक कोर्स उपलब्ध हैं।
नॉर्वे: पूरी पढ़ाई फ्री, पीएचडी तक कोई खर्च नहीं
नॉर्वे में न सिर्फ स्कूल बल्कि यूनिवर्सिटी स्तर की पढ़ाई भी पूरी तरह से फ्री है। यहां तक कि विदेशी छात्र भी मुफ्त में पढ़ाई कर सकते हैं। हालांकि,अधिकतर कोर्स नॉर्वेजियन भाषा में होते हैं इसलिए भाषा सीखना जरूरी है। यूनिवर्सिटीज केवल एक सामान्य फीस (30-60 यूरो प्रति सेमेस्टर) लेती हैं जो छात्रों की सुविधा के लिए होती है।
फिनलैंड: शिक्षा के साथ सैलरी भी
फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली को दुनिया की बेहतरीन शिक्षा व्यवस्थाओं में गिना जाता है। यहां पीएचडी करने वाले छात्रों को स्टाइपेंड यानी हर महीने सैलरी दी जाती है। अगर कोई विदेशी छात्र फिनिश या स्वीडिश भाषा में कोर्स करता है तो उसे भी किसी प्रकार की फीस नहीं भरनी पड़ती।
स्वीडन: पीएचडी के लिए पूरी तरह फ्री
स्वीडन में यूरोपियन यूनियन और स्वीडिश नागरिकों को पढ़ाई मुफ्त मिलती है। हालांकि अन्य विदेशी छात्रों को ट्यूशन फीस देनी होती है लेकिन पीएचडी लेवल पर यह पूरी तरह फ्री है। इसलिए हर साल हजारों स्टूडेंट्स यहां उच्च शिक्षा के लिए आते हैं। अगर आप विदेश में पढ़ाई करने की योजना बना रहे हैं और शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ खर्च भी एक बड़ा सवाल है तो जर्मनी, नॉर्वे, फिनलैंड और स्वीडन जैसे देश आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। सही जानकारी और तैयारी के साथ आप भी इन देशों में बिना फीस के शिक्षा का लाभ उठा सकते हैं।