सीबीएसई ने 10वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए 75% उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। यानी पूरे सत्र में छात्र की अटेंडेंस कम से कम 75 फीसदी होनी चाहिए। बोर्ड की वेबसाइट पर जारी नए नोटिस के अनुसार, अब स्कूल, छात्र और अभिभावक सभी को इस नियम को गंभीरता से लेना होगा।
क्या है CBSE का नया अटेंडेंस नियम?
सीबीएसई ने अपनी अटेंडेंस और लीव पॉलिसी को लेकर 5 अहम बातें साफ की हैं।
1. सभी को दी जाए जानकारी
हर स्कूल को अब ये सुनिश्चित करना होगा कि उनके सभी छात्र और अभिभावक 75% अटेंडेंस की अनिवार्यता के बारे में जानें। उन्हें ये भी बताया जाए कि अगर अटेंडेंस कम रही तो बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
2. छुट्टी लेने के लिए प्रक्रिया
अगर मेडिकल कारणों से छुट्टी ली जाती है तो छात्र को लौटते ही मेडिकल सर्टिफिकेट और एप्लिकेशन स्कूल में जमा करना होगी। किसी अन्य कारण से छुट्टी ली गई हो तो भी लिखित में वैलिड रीजन देना जरूरी होगा। बिना रिकॉर्ड के छुट्टी मिलने पर छात्र को डमी कैंडिडेट माना जा सकता है और परीक्षा में बैठने से रोका जा सकता है।
3. अटेंडेंस पर नजर
स्कूलों को अब हर दिन का अटेंडेंस रिकॉर्ड अपडेट करना होगा। इसमें क्लास टीचर और संबंधित अधिकारी के हस्ताक्षर भी होंगे। अगर रिकॉर्ड अधूरा या गलत पाया गया तो कार्रवाई हो सकती है।
4. पेरेंट्स को सूचना
अगर कोई छात्र बार-बार स्कूल नहीं आता या उसकी अटेंडेंस कम है तो स्कूल को उसके अभिभावकों को लिखित में सूचित करना होगा। यह सूचना स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड डाक या ईमेल से भेजनी होगी। इसका पूरा रिकॉर्ड भी रखना होगा।
5. सीबीएसई कर सकता है औचक निरीक्षण
CBSE किसी भी समय स्कूल में आकर अटेंडेंस का रिकॉर्ड चेक कर सकता है। अगर उन्हें गड़बड़ी मिली या छात्रों की उपस्थिति लगातार कम पाई गई तो न सिर्फ छात्रों को परीक्षा से बाहर किया जाएगा बल्कि स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
क्यों जरूरी है यह नियम?
CBSE का कहना है कि यह नियम छात्रों की पढ़ाई की गुणवत्ता बनाए रखने और स्कूल की पढ़ाई को गंभीरता से लेने के लिए जरूरी है। बार-बार छुट्टियां लेने से न सिर्फ पढ़ाई में नुकसान होता है बल्कि परीक्षा में भी कठिनाई आ सकती है।
अगर आप CBSE बोर्ड के स्टूडेंट हैं या आपके बच्चे इस बोर्ड में पढ़ते हैं तो अब छुट्टी लेने से पहले सोच-विचार जरूर करें। स्कूल में नियमित रूप से जाना अब सिर्फ एक आदत नहीं बल्कि बोर्ड परीक्षा का टिकट बन गया है।