राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदेश पर शिक्षा विभाग की नई व्यवस्था, शिक्षक संगठन हुए मुखर
Madan Dilawar Orders : राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के आदेश पर नई व्यवस्था। अब शिक्षाधिकारी माह में 4 बार गांवों में रात्रि विश्राम करेंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने आदेश जारी कर पालना की हिदायत दी है। इधर शिक्षक संगठन मुखर हो गए हैं।
Madan Dilawar Orders : डूंगरपुर जिले सहित प्रदेशभर के शिक्षा विभाग के पीईईओ, एसीबीईओ, एडीईओ, डीईओ और सीडीईओ आदि शिक्षाधिकारियों को शिक्षा में गुणात्मक विकास को लेकर अब माह में चार बार गांवों में ही रात्रि विश्राम करेंगे। रात्रि विश्राम दौरान अधिकारी ग्रामीणों से मिलकर अपने क्षेत्र के स्कूलों की समस्याओं को सुनने के साथ ही उनका समाधान भी करेंगे।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने आदेश जारी कर पालना करने की हिदायत दी है। निदेशक ने स्पष्ट किया है कि आदेशों की खानापूर्ति नहीं बरती जाए। शिक्षाधिकारी केवल उपस्थिति दिखाने के लिए ही नहीं, बल्कि शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक गांव में ही रुकेंगे। इसकी पालना रिपोर्ट विभागीय पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। आदेशों की पालना को लेकर संभागीय संयुक्त निदेशकों और सीडीईओ को सतत पर्यवेक्षण और प्रभावी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए हैं। इधर, आदेश जारी होने के साथ ही शिक्षक संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया है।
पहले भी दिए थे निर्देश
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अधिकारियों के रात्रि विश्राम को लेकर 24 अप्रेल को आदेश जारी किए थे। इसके बाद 29 मई को निदेशालय ने आदेश जारी किए थे। पर, जून माह में पोर्टल पर क्रियान्वयन की समीक्षा की गई, तो रिपोर्टिंग न्यून मिली। इस पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने एक बार फिर आदेशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
आदेशों का शुरू हुआ विरोध
राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. ऋषिन चौबीसा, जिलाध्यक्ष बलवंत बामणिया एवं जिला उपाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह चौहान ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की तर्ज पर शिक्षा अधिकारियों को गांवों में रात्रि में रुकने का आदेश पूर्णतया अव्यवहारिक है। शिक्षा विभाग में प्रतिमाह एसएमसी/एसडीएमसी की मीटिंग होती है। इसमें शिक्षा अधिकारी ग्रामीणों एवं अभिभावकों से रूबरू होते हैं। ऐसे में रात्रि विश्राम का कोई औचित्य नहीं है। साथ ही शिक्षा विभाग में करीब 30 से 40 फीसदी महिला अधिकारी भी है। इनके रात्रि विश्राम मेें उनके साथ सुरक्षा संबंधित परेशानियां आएगी। आदेश वापस लेने जरूरी है।
ये करने होंगे कार्य
रात्रि विश्राम के दौरान अधिकारी केवल रुकेंगे नहीं। अपितु, ग्रामीणों के साथ मीटिंग भी करेंगे। इस दौरान विद्यालय, स्टॉफ एवं शिक्षण व्यवस्था पर चर्चा कर समीक्षा करनी होगी। भवन, पेयजल व अन्य आधारभूत सुविधाओं की जांच के साथ-साथ विद्यार्थियों की शिक्षा स्तर की जांच होगी। गांव के लोगों, अभिभावकों और बच्चों से फीडबैक लिया जाएगा।
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