कहां पर कितना पत्थर लग रहा धौलपुर रेलवे स्टेशन का नवीन भवन वर्तमान में पुरानी नैरोगेज रेलवे लाइन स्टेशन की तरफ निर्माणाधीन है। हालांकि, करीब 90 फीसदी का कार्य हो चुका है। वर्तमान में इसमें फिनिशिंग और लाइटिंग इत्यादि का कार्य चल रहा है। नवीन में भवन के मुख्य द्वार और फ्रंट पर धौलपुर रेड (पिंक) स्टोन की जालियां इसकी भव्यता दर्शा रही हैं। भवन में करीब 248.47 स्क्वायर मीटर रेड स्टोन जालियों के रूप में लगा है। इसी तरह भवन में 93515 स्क्वायर मीटर रेड और 1250.20 स्क्वायर मीटर व्हाइट स्टोन का इस्तेमाल हुआ है। यानी कुल 2433.62 स्क्वायर मीटर पत्थर इस इमारत में लगा है। यह पत्थर फ्रंट की दीवार और साइड और पीछे की तरफ दीवार और पिलर में लगा है। वहीं, सीढ़ी और फर्श में मार्बल्स का उपयोग रहा है।
दिल्ली समेत कई शहरों में छाया रेड स्टोन धौलपुर रेड सेंड स्टोन (बलुआ) का देश की ऐतिहासिक और प्रमुख इमारतों ंमें भरपूर उपयोग हुआ है। इसमें राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, दिल्ली का लाल किला, कुतुब मीनार, अक्षरधाम मंदिर, फतेहपुर सीकरी दरगाह, आगरा का लाल किला यूपीएसी भवन धौलपुर हाउस, अयोध्या में राम मंदिर, लखनऊ में पार्क समेत देश की कई ऐतिहासिक इमारतों में आज भी अपनी चमक बिखेर रहा है। वहीं, नवीन ससंद सेन्ट्रल विस्टा में भी बड़े स्तर पर धौलपुर सेंड स्टोन का उपयोग हुआ है।
पहले पर बेटिंग हॉल, तीसरी मंजिल पर रेस्टारेंट धौलपुर स्टेशन पर अमृत भारत योजना के अंतर्गत 27.85 करोड़ रुपए की लागत सौंन्दर्यीकरण समेत अन्य कार्य हो रहे हैं। इस भवन में इस साल दिसम्बर तक शुरू होने की संभावना है। नवीन स्टेशन पर सभ्ीा आधुनिक सुविधा यात्रियों को मिलेंगी। इसमें रूफ प्लाजा, फूड कोर्ट, वातानुकूलित वेटिंग लांज, आरामदायक बैंच और एक्सिलेटर और लिफ्ट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। सामने की तरफ रेलवे पार्क रहेगा। इस तीन मंजिला बिल्डिंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। इसमें प्रथत तल पर वेटिंग हॉल, बुकिंग, रिजर्वेशन काउंटर सहित आरपीएफ थाना होगा। दूसरी मंजिल पर 5 रिटायरिंग रूम के साथ वीआईपी रूम और तीसरी मंजिल पर पर रेस्टोरेंट संचालित होगा।
संकट के दौर से गुजर रहा पत्थर व्यवसाय उद्योग वर्तमान में जिले का पत्थर व्यवसाय उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है। जिले में रेड स्टोन की करीब 200 इण्डस्ट्रीज (गैंगसा यूनिट) हैं, जिसमें करीब 20 हजार परिवार इससे जुड़े हुए हैं। जिले के साथ मुख्यतय रेड स्टोन का कारोबार करौली और भरतपुर जिले से लगी सीमावर्ती इलाकों तक फैला है। इसमें सर्वाधिक यूनिट सरमथुरा और बसेड़ी उपखण्ड में हैं। इसके बाद बाड़ी उपखण्ड में हैं। पूर्व में करीब 165 खदानों से पत्थर निकासी होती थी। लेकिन धौलपुर-करौली टाइगर सेंचुरी में खानें आने से काम बंद पड़ा है। साथ ही बीते तीन साल से अधिक समय से चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध से भी व्यवसाय को काफी धक्का पहुंचा। हाल में टैक्स वृद्धि को लेकर पहले खदानों में कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ा है। रेड स्टोन की धाक ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, आस्ट्रेलिया, अमेरिका, रूस, फ्रांस व दुबई तक रही है।
अंग्रेजों के जमाने में मिली पहचान धौलपुर रेड स्टोन को अंग्रेजों की हुकूमत पहचान मिली। उस समय इमारतें बनाने में यहां पथरीली जगह से पत्थर निकासी हुई। साल करीब 1917 से 1937 तक दिल्ली में रायसीना हिल पर बने संसद भवन का निर्माण रेड स्टोन से कराया गया। वहीं, इससे पहले मुगल शासन काल में भी रेड स्टोन खासा पंसदीदा पत्थर बना रह चुका है।
– धौलपुर स्टेशन के नवीन भवन में स्थानीय रेड और व्हाइट स्टोन का उपयोग किया जा रहा है। करीब 1250 स्क्वायर मीटर पत्थर लग रहा है। यह पत्थर स्टेशन की इमारत को नया लुक प्रदान करेगा।
– प्रशस्ति श्रीवास्वत, पीआरओ आगरा रेल मंडल