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धौलपुर

दुकान में घुसा कांस्टेबल, ई-मित्र संचालक को जड़ा थप्पड़, बोला- घर से उठवा लूंगा

शहर में कचहरी परिसर में पुलिस कांस्टेबल के ईमित्र संचालक के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। कचहरी परिसर स्थित ईमित्र केंद्र पर कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह पर ईमित्र संचालक सुदामा सिंह के साथ मारपीट का आरोप है।

धौलपुरAug 08, 2025 / 10:45 pm

rohit sharma

धौलपुर. आरोपित कांस्टेबल

धौलपुर. शहर में कचहरी परिसर में पुलिस कांस्टेबल के ईमित्र संचालक के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। कचहरी परिसर स्थित ईमित्र केंद्र पर कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह पर ईमित्र संचालक सुदामा सिंह के साथ मारपीट का आरोप है। उक्त घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान ने कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया है। उधर, पीडि़त ईमित्र सुदामा सिंह ने पुलिस अधीक्षक को मामले में शिकायत दी। बताया कि उसकी ईमित्र और फोटोकॉपी की दुकान है। उन्होंने लगभग एक वर्ष पहले अपने मकान का निर्माण कार्य मिस्त्री मातादीन को दिया था। सुदामा का कहना है कि उन्होंने मिस्त्री के काम का पूरा भुगतान कर दिया था।
शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे मिस्त्री मातादीन, कांस्टेबल धर्मेंद्र सिंह के साथ सुदामा सिंह की दुकान पर आया। जहां कांस्टेबल ने दुकान में घुसकर सुदामा के साथ दुव्र्यवहार करते हुए थप्पड़ मारने का आरोप है। आरोप है कि कांस्टेबल ने कंप्यूटर और प्रिंटर को जबरदस्ती ले जाने की कोशिश की। जिसे सुदामा ने बमुश्किल से बचाया। पीडि़त सुदामा ने बताया कि कांस्टेबल ने उसे और उसके परिवार को धमकी दी कि वह उन्हें घर से उठवा लेगा और कचहरी परिसर में दुकान नहीं चलाने देगा। घटना के समय मौके पर ललित कुमार और पड़ोसी दुकानदार मौजूद थे, जिन्होंने सुदामा को बचाया।
सर्विस रोड पर जलभराव का नहीं निकला हल, नाले बंद

धौलपुर. शहर से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (आगरा-मुंबई) की सर्विस लाइन पर जलभराव और गड्ढे अब आम बात हो गई है। एनएचएआई के अधिकारी भी अब ज्यादा हो हल्ला होने पर जिला प्रशासन को भरोसा देते हैं और एक-दो दिन जेसीबी चलवा खानापूर्ति करवा देते हैं। समस्या के निदान पर किसी तरह का फोकस नहीं है। जबकि एनएचएआई के पास देश के टॉप लेबल के इंजीनियर हैं लेकिन शहर की सर्विस लेन पर हो रहे जलभराव का निदान कई सालों से नहीं हो पाया है। जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने गत माह एनएचएआई के अधिकारियों की खिंचाई भी की। जिस पर कुछ दिन कार्मिकों ने काम किया लेकिन फिर वो ही हालात बन गए। एनएचएआई का कहना है कि नालों की सफाई का कार्य नगर परिषद का है। जबकि नगर परिषद प्रशासन का कहना है कि नाले सर्विस लेन के हैं और इसका पूरा जिम्मा एनएनएआई का है। दोनों एजेंसी एक दूसरे की तरफ गेंद फेंकने में लगी है। जिससे अभी तक निराकरण नहीं हो पाया है।
सर्विस लेन पर राजाखेड़ा बाइपास की तरफ हुए बड़े बड़े गड्ढों में गत दिनों एनएचएआई ने गिट्टी डलवाई लेकिन यह बेअसर साबित हुई। मुख्य रूप से पानी का निदान नहीं होने से परेशानी हो रही है। सर्विस लेन का उपयोग शहर के लोग करते हैं जो पानी में होकर जाने पर मजबूर हैं। हालांकि, पांच दिन से मौसम साफ रहने से कुछ राहत मिली है। लेकिन समस्या का निदान अभी दूर दूर तक नहीं है।
नाले दबे, सफाई तक नहीं

सर्विस लेन किनारे पर पानी निकासी के लिए नाले बने हुए हैंं। लेकिन इनकी सफाई नहीं होने से यह बंद हो चुके हैं और सडक़ का पानी नाले में जाने की बजाय सडक़ पर ही भरा रहता है। कई स्थानों पर तो नाले ही गायब हो गए। यानी वह दब चुके हैं और नामोनिशान तक नहीं बचा। कुछ समय पहले जिला कलक्टर के निर्देशन में हाइवे की सर्विस लेन पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई थी। लेकिन दो दिन कार्रवाई के बाद भी नाले पूरी तरह से नहीं खुल पाए।

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