सर्विस रोड पर जलभराव का नहीं निकला हल, नाले बंद धौलपुर. शहर से गुजर रहे राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 44 (आगरा-मुंबई) की सर्विस लाइन पर जलभराव और गड्ढे अब आम बात हो गई है। एनएचएआई के अधिकारी भी अब ज्यादा हो हल्ला होने पर जिला प्रशासन को भरोसा देते हैं और एक-दो दिन जेसीबी चलवा खानापूर्ति करवा देते हैं। समस्या के निदान पर किसी तरह का फोकस नहीं है। जबकि एनएचएआई के पास देश के टॉप लेबल के इंजीनियर हैं लेकिन शहर की सर्विस लेन पर हो रहे जलभराव का निदान कई सालों से नहीं हो पाया है। जिला कलक्टर श्रीनिधि बी टी ने गत माह एनएचएआई के अधिकारियों की खिंचाई भी की। जिस पर कुछ दिन कार्मिकों ने काम किया लेकिन फिर वो ही हालात बन गए। एनएचएआई का कहना है कि नालों की सफाई का कार्य नगर परिषद का है। जबकि नगर परिषद प्रशासन का कहना है कि नाले सर्विस लेन के हैं और इसका पूरा जिम्मा एनएनएआई का है। दोनों एजेंसी एक दूसरे की तरफ गेंद फेंकने में लगी है। जिससे अभी तक निराकरण नहीं हो पाया है।
सर्विस लेन पर राजाखेड़ा बाइपास की तरफ हुए बड़े बड़े गड्ढों में गत दिनों एनएचएआई ने गिट्टी डलवाई लेकिन यह बेअसर साबित हुई। मुख्य रूप से पानी का निदान नहीं होने से परेशानी हो रही है। सर्विस लेन का उपयोग शहर के लोग करते हैं जो पानी में होकर जाने पर मजबूर हैं। हालांकि, पांच दिन से मौसम साफ रहने से कुछ राहत मिली है। लेकिन समस्या का निदान अभी दूर दूर तक नहीं है।
नाले दबे, सफाई तक नहीं सर्विस लेन किनारे पर पानी निकासी के लिए नाले बने हुए हैंं। लेकिन इनकी सफाई नहीं होने से यह बंद हो चुके हैं और सडक़ का पानी नाले में जाने की बजाय सडक़ पर ही भरा रहता है। कई स्थानों पर तो नाले ही गायब हो गए। यानी वह दब चुके हैं और नामोनिशान तक नहीं बचा। कुछ समय पहले जिला कलक्टर के निर्देशन में हाइवे की सर्विस लेन पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई थी। लेकिन दो दिन कार्रवाई के बाद भी नाले पूरी तरह से नहीं खुल पाए।