ग्राहक बनकर किताबें खरीदने पहुंचीं एसडीएम
एसडीएम रोशनी पाटीदार ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश एक जांच टीम बनाई। इसमें एसडीएम सहित बीआरसी भरतराज राठौर, एसडीएम स्टेनो दीपक गायकवाड़ आदि कर्मचारी ग्राहक बनकर पहले बुक स्टोर्स पर पहुंचे। टीम ने पहले दिन नाकोड़ा और मंगलम् बुक स्टोर्स पर पहुंचकर कोर्स की जानकारी ली। यहां कुछ पालकों से चर्चा करने पर पाया कि उन्हें स्कूलों से भेजा गया है। सिटी इंटरनेशनल, कैम्ब्रिज एकेडमी तथा एक अन्य स्कूल पहुंचकर जानकारी ली। जिसमें प्राइवेट पब्लिशर्स की अधिक किताबों के उपयोग पर पंचनामा बनाया। कमीशनखोरी का खुल्लम-खुल्ला खेल
शहर में कुछ स्कूलों ने पढ़ाई के नाम पर धंधा बना लिया है। जिनके द्वारा हर साल फीस वृद्धि के साथ कॉपी-किताब, यूनिफॉर्म और स्टेशनरी के लिए दुकानें फिक्स कर रखी है। चुनिंदा जगह ही यह सामग्री मिल रही है। जबकि शासन के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी स्कूल पालकों को स्टेशनरी सहित अन्य सामग्री खरीदी के लिए बाध्य नहीं कर सकता। फिर भी कमीशनखोरी का यह खेल खुल्लम-खुल्ला चल रहा है। पिछले दिनों कुछ पालकों ने जनसुनवाई में पहुंचकर शिकायत की थी। जिसमें यह भी बात सामने आई थी कि बुक स्टोर्स संचालकों द्वारा सादे कागज की पर्ची पर स्टेशनरी बेची जा रही है। पक्का बिल भी नहीं दिया जा रहा है। प्रशासन द्वारा ऐसे दुकानदारों के विरुद्ध भी कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर ली है। इसमें सेल टैक्स और जीएसटी विभाग मिलकर जांच पड़ताल करेगा।