अकेले जनजाति विकास विभाग में एक हजार से अधिक शिक्षकों ने ट्रांसफर मांगा है। जिसके लिए 712 ने ऑनलाइन प्रोसेस अपनाते हुए आवेदन किया। जबकि 290 शिक्षकों ने जुगाड़ का रास्ता अपनाते हुए ऑफलाइन आवेदन किया है। इनके ट्रांसफर के लिए सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसा की गई है। हालांकि फाइनल सूची अभी तैयार नहीं हुई है।
सहायक आयुक्त नरोत्तम वरकड़े ने बताया, प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए ट्रांसफर किए जाएंगे। जिन स्कूलों में शिक्षकों के पद पहले से भरे हुए हैं, वहां पोस्टिंग नहीं होगी। नियुक्ति वहीं होगी, जहां शिक्षक कम है। जिले के बाहर ट्रांसफर के लिए 13 शिक्षकों ने आवेदन किए हैं। स्कूल शिक्षा ने भी लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे।
छोड़ना पड़ेगा पद
होस्टलों में अधीक्षक की भूमिका में काम करने वाले शिक्षकों की भी छटनी हो रही है। तीन साल से अधिक समय से जो शिक्षक होस्टल अथवा आश्रम अधीक्षक बनकर बैठे है, उन्हें पद छोडक़र फिर से स्कूल में पढ़ाना होगा। ऐसे करीब 110 होस्टल अधीक्षकों की सूची विभाग ने तैयार की है। इन पदों पर नए शिक्षकों को जिम्मेदारी दी जाएगी। ये भी पढ़ें:
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जिला स्तर पर स्थानांतरण की अवधि में जिला संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के शासकीय सेवक, प्राथमिक और सहायक शिक्षक, प्रधानाध्यापक, लिपिकीय संवर्ग तथा भृत्य संवर्ग के लोक सेवकों का जिले के भीतर स्थानांतरण कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन उपरांत किया जाएगा। उक्त संवर्ग को छोडक़र शेष संवर्ग के प्रशासकीय स्थानांतरण यथावत राज्य सरकार से ही किए जाएंगे । शिक्षा विभाग में ऑनलाइन स्थानांतरण आदेश एजुकेशन पोर्टल 3.0 के माध्यम से 16 जून को जारी होंगे।