इस तरह पहले और दूसरे चरण को मिलाकर कुल 3808 आवेदन प्राप्त हुए है। स्क्रूटनी में 79 आवेदन अपूर्ण, 40 आवेदन मिलता-जुलता, 1360 आवेदन रद्द हुए हैं। वहीं 903 बच्चों का चयन किया गया है। 1149 छात्र-छात्राओं को आवेदन करने के बाद भी मायूसी हाथ लगी है। कुल चयनित बच्चों में से 124 बच्चे ऐसे हैं, जो स्कूल ही नहीं आए।
RTE Admission 2025: पांच साल में 525 सीट घटें
धमतरी जिले में 225 निजी स्कूल संचालित हैं, लेकिन आरटीओई योजना के तहत इनमें से केवल 197 स्कूलों ने नामांकन लिया है। पंजीकृत अभिलेखों में कुल पोर्टफोलियो में से 25 प्रतिशत सीट
आरटीई योजना के तहत आरक्षित करने का नियम है। पंजीकृत स्कूलों की संया घटने के साथ ही सीटों की संया भी घटी है।
यही कारण आरटीई में सीटों की संया हर साल घट रही है। मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2020-21 में 1617 सीट, 2021-22 में 1 603 सीट, 2022-23 में 166 सीट, 2023-24 में 1126 सीट, 2024-22 में 1133 और 2022-26 में 1092 सीटें आरटीई के तहत आरक्षित हैं। इस तरह बीते पांच सालों में 525 सीटेें घटी है। इसका सीधा नुकसान पालकोें को उठाना पड़ रहा है।
1 से 30 अगस्त तक मंगाया गया है दावा-आपत्ति
आरटीई में ऐसा पहली बार हो रहा है जब पालकों को आवेदन रद्द होने या अन्य प्रकार की आपत्ति होने पर उन्हें दावा-आपत्ति करने का मौका दिया जा रहा है। इस बार शासन की ओर से 1 अगस्त से 30 अगस्त तक पालकों से दावा-आपत्ति मंगाया गया है। दावा-आपत्ति का निराकरण होने पर यदि छात्र या छात्रा योजना के तहत पात्र पाए गए तो उन्हें निजी स्कूलों में जगह मिल सकती है।