सीएम ने दिया जल्द स्वीकृत पत्र जारी होने का आश्वासन
इस सड़क निर्माण के लिए पिछले महीने 19 जून को प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग लखनऊ की ओर से सतह सुधार कार्य के लिए 14.35 करोड़ का एस्टीमेट प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को भेजा गया है। फिलहाल धन स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। विधायक के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने सोनूघाट-देवरिया मार्ग के निर्माण के लिए भी जल्द स्वीकृति पत्र जारी करने का आश्वासन दिया है। बरहज में सरयू नदी पर निर्माणाधीन मोहन सेतु का कार्य भी शीघ्र पूर्ण किया जाएगा। भदिला अव्वल में छोटे पुल का निर्माण कार्य भी प्राथमिकता में है।
जिले में दिशा की बैठक में सड़क निर्माण को लेकर हुई थी जोरदार बहस
देवरिया कलेक्ट्रेट सभागार में तीन जुलाई को आयोजित दिशा की बैठक में बरहज विधायक दीपक मिश्र शाका ने इस अधूरी सड़क का मुद्दा जोरशोर से उठाया था। विधायक ने गहरा रोष प्रकट करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को घेरा था।नौ जुलाई को डीएम ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर सड़क निर्माण कार्य के लिए धन स्वीकृति का अनुरोध किया है। इसके पहले 22 नवंबर 2024 को बरहज विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों ने कार्य अधूरा होने पर नाराजगी जाहिर की थी।
DM देवरिया ने भी लिखा था PWD को पत्र
सात दिसंबर 2024 को डीएम की ओर से लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता गोरखपुर को पत्र लिखा गया व विभागीय नियमों को देखते हुए कार्य पूर्ण कराने को कहा गया था। 14 अक्टूबर 2024 को जनपद के प्रभारी मंत्री व पर्यटन मंत्री के आगमन पर कार्ययोजना के लिए बैठक में बरहज विधायक व अन्य जनप्रतिनिधियों ने प्रकरण उठाया था। जिसके क्रम में डीएम ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को मार्ग का शेष कार्य यथाशीघ्र कराने के लिए पत्र लिखा था।
करुअना-परसिया-मगहरा-सलेमपुर मार्ग में धन का हुआ बंदरबाट
लोक निर्माण विभाग निर्माण खंड में वित्तीय वर्ष 2019-2020 में स्वीकृत करीब 13.100 किलाेमीटर लंबी करुअना-परसिया-मगहरा-सलेमपुर मार्ग के निर्माण के लिए कई बार में 18.99 करोड़ रुपये अवमुक्त हुए, जिसमें 9.57 करोड़ रुपये मूल कार्य पर व शेष 9.28 करोड़ रुपये अस्वीकृत कार्यों पर खर्च किए गए थे। जिसके कारण कार्य पूर्ण करने के लिए धन उपलब्ध नहीं हो सका कार्य अपूर्ण रहने के कारण जनमानस को आवागमन में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जिससे शासन की छवि धूमिल हुई है।
तत्कालीन अधिशासी अभियंता सस्पेंड
इसको देखते हुए निर्माण खंड के तत्कालीन अधिशासी अभियंता व वर्तमान में लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड सिद्धार्थनगर में तैनात कमल किशोर को दोषी मानते हुए 18 जुलाई को निलंबित कर दिया गया। उनके अलावा तत्कालीन अधिशासी अभियंता मनोज कुमार पांडेय तथा संजीव कुमार सिंह समेत तीनों पर नियम-सात के तहत कार्यवाही शुरू कर दी गई है।