एक महीने अध्ययन करने के उपरांत छात्र, छात्राओं में कितना सुधार आया और यदि नहीं आया तो उसकी क्या वजह है, इसको लेकर बच्चों के माता-पिता के साथ मासिक बैठक होगी। मासिक बैठक में जहां बच्चों की उपस्थिति की जानकारी शिक्षकों से ली जाएगी, वहीं शिक्षकों की उपस्थिति के संबंध में बच्चों से पूछा जाएगा। सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शुरु होने जा रही इस व्यवस्था को लेकर ग्रामीण अंचल के लोगों में खासा उत्साह नजर आने लगा है। ग्रामीणों को सरकारी विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद जागने लगी है।
कहां कितने विद्यालय
जिले भर में कुल 573 शासकीय प्राथमिक विद्यालय (Government Primary Schools) संचालित हैं। दतिया शहर में सर्वाधिक 273 प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। वहीं सैवढ़ा विकास खंड अंतर्गत 199 एवं भाण्डेर क्षेत्र अंतर्गत 106 विद्यालय हैं। उपरोक्त सभी विद्यालयों में बच्चों के अभिभावकों के साथ बैठक किया जाना सुनिश्चित किया जा रहा है। तीनों ही विकास खंड के शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ तेमवाल ने स्पष्ट दिशा निर्देश दिए हैं कि वे बैठक में बच्चों की शिक्षा में आने वाले सुधार या खामी की रिपोर्ट के संबंध में प्रतिमाह अपडेट देंगे। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधरे इस उद्देश्य से पैरेंट्स मटिंग की शुरुआत की जा रही है। इसकी मॉनीटरिंग भी करांएगे, ताकि सार्थक परिणाम सामने आ सकें।- अक्षय कुमार तेमवाल, सीईओ जिला पंचायत दतिया
अगले माह से पैरेंट्स मीटिंग का आयोजन
जिला परियोजना समन्वयक राजेश शुक्ला ने बताया कि सितंबर माह से पैरेंट्स मीटिंग का आयोजन शुरु किया जाएगा। पहले सोमवार को मीटिंग दतिया के स्कूलों में आयोजित की जाएगी। दूसरे सोमवार को सेंवढ़ा एवं तीसरे सोमवार को भाण्डेर क्षेत्र के विद्यालयों में बैठकों का आयोजन तय किया गया है। बैठक दोपहर डेढ़ बजे से ढाई बजे के बीच आयोजित होगी। इस दौरान अभिभावक विद्यालय के शिक्षकों की हर प्रकार की गतिविधियों के बारे में वरिष्ठ अधिकारियों को बता सकेंगे।