२००८ में फर्जी बीए स्नातक की अंकसूची के आधार पर रश्मि सोनी की वर्ग-२ में नियुक्ति हुई थी। रश्मि की आखिरी पोस्टिंग शासकीय स्कूल सरखड़ी में रही है। करीब १८ साल फर्जी अंकसूची के सहारे काम करते हुए करीब ८२ लाख रुपए वेतन शासन का इन्होंने लिया है। इनकी जुड़वा बहन भी फर्जी शिक्षक बताई जाती है। साथ ही दोनों बहनों ने एक ही अंकसूची पर नौकरी देना बताया जाता है। मामले में विभागीय जांच चल रही थी, जो कि पूरी हो चुकी है। अब रश्मि को पद से बर्खास्त करने की प्रक्रिया चल रही है।