पुलिस के अनुसार पैरवारा गांव में दो पक्षों के बीच जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था। एक पक्ष जमीन की जुताई के लिए ट्रैक्टर लेकर पहुंच गया, जिसके विरोध में दूसरे पक्ष ने डायल 100 पर सूचना दी। सूचना मिलते ही मगरोन थाना की डायल 100 टीम मौके पर पहुंची। लेकिन स्थिति तब बिगड़ गई, जब मौके पर मौजूद ग्रामीणों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कुछ ही देर में विवाद बढ़ गया और ट्रैक्टर में आग लग गई। इसके बाद ग्रामीणों ने डायल 100 के पुलिस आरक्षक बलराम सिंह लोधी और पायलट मनोज राजपूत के साथ मारपीट कर उन्हें बंधक बना लिया और उन पर एक पक्ष का समर्थन करने का आरोप लगाया।
ग्रामीणों के आरोप वायरल हुए एक वीडियो में ग्रामीणों ने पुलिस पर पैसे लेकर एक पक्ष का साथ देने और ट्रैक्टर में आग लगाने का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का दावा है कि पुलिसकर्मी शराब के नशे में थे। इस दौरान पुलिस और ग्रामीणों के बीच तीखी कहासुनी भी देखी गई।
जबकि मगरोन थाना प्रभारी बीएल. पटेल ने बताया कि डायल 100 टीम जमीनी विवाद की सूचना पर मौके पर पहुंची थी। उन्होंने पुलिस पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस की कोई गलती नहीं है। ग्रामीणों ने पुलिस टीम को घेरकर दबाव बनाने की कोशिश की है, उन्होंने यह भी बताया कि जिला मुख्यालय से अतिरिक्त पुलिस बल मौके पर भेजा गया है और वरिष्ठ अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं। इधर घटना की सूचना मिलते ही जिला मुख्यालय से भारी पुलिस बल सुनवाहा गांव के लिए रवाना हुआ।
पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने और मामले की जांच में जुट गए हैं। वहीं रात सवा ग्यारह बजे घायल आरक्षक और पायलट को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया गया है। वहीं घटना के बाद सुनवाहा गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है।
घायलों ने बताई अपनी कहानी जिला अस्पताल पहुंचे घायल आरक्षक बलराम सिंह और पायलट मनोज सिंह ने बताया कि कुछ लोगों ने उन्हें बंधक बनाया मारपीट की और जिंदा जलाने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ ने हवाई फायर भी किए थे। फिलहाल, पुलिस आरोपियों के नामो का खुलासा नहीं कर रही है, वहीं घायल किसी ध्रुव पटेल और उसके साथियों द्वारा घटना को अंजाम देना बता रहे थे।